नई दिल्ली। दिल्ली स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी ने ई-कॉमर्स और लैंड ट्रांसपोर्टेशन में एक अप्रेंटिसशिप युक्त बीएमएस प्रोग्राम लॉन्च करने के लिए लॉजिस्टिक्स सेक्टर स्किल काउंसिल (एलएससी) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया. लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में पर्यवेक्षी स्तर पर रोजगार के लिए पर्याप्त कौशल प्रदान करने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ यूजीसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार पाठ्यक्रम को अप्रेंटिसशिप आधारित ग्रेजुएट डिग्री प्रोग्राम के रूप में डिजाइन किया गया है.
उद्योग की जरूरत के अनुसार तैयार होंगे छात्र
विश्वविद्यालय का मानना है कि पाठ्यक्रम डिजाइन में शुरुआत से उद्योग की भागीदारी बहुत ही महत्वूर्ण है. इससे छात्र उद्योग की जरूरत के अनुसार तैयार होंगे. बीएमएस ई-कॉमर्स एवं लैंड ट्रांसपोर्टेशन में यह 3 वर्षीय प्रोग्राम छात्रों को कॉन्सेप्टुअल एवं हैंड्स ऑन प्रशिक्षण प्रदान करेगा.
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
दिल्ली स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर प्रो. डॉ नेहारिका वोहरा ने हस्ताक्षर समारोह में कहा कि डीएसईयू बाजार अनुकूल कौशल शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए उद्योग के साथ साझेदारी करने की आवश्यकता को पहचानता है. हमें पहले से ही प्रोग्राम के लिए अच्छी प्रतिक्रिया मिलनी शुरू हो गई है और हम अपने पाठ्यक्रमों को नवीनतम रखने के लिए एलएससी के साथ लगातार काम करेंगे, ताकि हमारे छात्रों को नवीनतम कौशल और उद्योग को आवश्यक प्रतिभा प्रदान की जा सके. विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में छात्रों के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है. इससे उन्हें अपना खुद का उद्यम बनाने में भी मदद मिलेगी.
DSEU की हेड पार्टनरशिप्स नीता प्रधान दास ने कहा कि 3 साल के प्रोग्राम में एम्बेडेड अप्रेंटिसशिप प्रशिक्षण का एक वर्ष छात्रों को उद्योग में काम करने का असली अनुभव देगा, जिससे वे रोजगार के लिए आवश्यक ज्ञान, कौशल और योग्यता के साथ तैयार होंगे. प्रोग्राम के सफल समापन पर छात्रों को प्रवेश स्तर के प्रबंधकीय भूमिकाओं पर उद्योग में नियोजित किया जाएगा.
4 करोड़ से अधिक लोग शामिल
इस अवसर पर लॉजिस्टिक्स सेक्टर स्किल काउंसिल के चेयरमैन कैप्टन टीएस रामानुजम ने कहा कि हम दिल्ली स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी के साथ इस साझेदारी के तहत लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के दो सबसे अधिक मांग वाले पाठ्यक्रमों बीएमएस ई-कॉमर्स एवं बीएमएस लैंड ट्रांसपोर्टेशन को शुरू करने के लिए आभारी हैं. लॉजिस्टिक्स सेक्टर सबसे बड़े नियोक्ताओं में से एक है, जिसमें 4 करोड़ से अधिक लोग शामिल हैं, लेकिन कुशल श्रम शक्ति के मामले में इस क्षेत्र में भारी कमी है. इस तरह का कार्यक्रम निश्चित रूप से मांग व आपूर्ति के अन्तर को कम करने में मदद करेगा और गुणात्मक श्रम शक्ति का मार्ग प्रशस्त करेगा. यह एक लंबी और सार्थक साझेदारी की शुरुआत है.
लॉजिस्टिक्स सेक्टर स्किल काउंसिल (एलएससी) की स्थापना भारतीय राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के माध्यम से कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) द्वारा की गई थी. इस प्रोग्राम के शुरू होने की उम्मीद डीएसईयू के पहले शैक्षिक वर्ष 2021-22 के तहत अक्टूबर में होगी.