भूपेश सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं हितग्राहियों के लिए वरदान साबित हो रही है. जशपुर विकाखण्ड के ग्राम पंचायत पोरतेंगा निवासी छेनो बाई और उनके परिवार के लिए मनरेगा के तहत 3 लाख रुपए की लागत से बनी डबरी वरदान साबित हुई है. वर्षा आधारित एक मात्र फसल की खेती करने वाली छेनो बाई और उनके परिवार के लोग अब दोहरी फसल लेने लगे हैं. डबरी में मछली पालन तथा साग सब्जी की खेती से उन्हें अच्छी आमदनी होने लगी है.

मनरेगा के तहत खेत में बनी डबरी में अब साल भर पानी बना रहता है. जिसके चलते फसल सिंचाई को लेकर चिंता खत्म हो गई है. वह और उनके परिवार के लोग अब निश्चिंतता के साथ खेती करने लगे है. वर्ष में दोहरी फसल के साथ ही साग-सब्जी का भी उत्पादन किया जा रहा है. मत्स्य विभाग द्वारा मछली पालन के लिए मत्स्य बीज अनुदान में दिया गया है. मछली पालन से अतिरिक्त आमदनी प्राप्त होने से परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है.

46 परिवारों को मिला अतिरिक्त रोजगार

छेनो बाई बताती हैं कि उनके परिवार के पास पैतृक कृषि भूमि है, लेकिन सिंचाई के साधन न होने की वजह से खेती करना बेहद जोखिम भरा होता था. बारिश के समय में बमुश्किल एक फसली खेती से 8 सदस्यीय परिवार के गुजर बसर में परेशानी होती थी. मनरेगा के तहत शासन की ओर मेड़ बंधान और डबरी निर्माण की जानकारी मिलने पर उन्होंने रोजगार सहायक से मुलाकात कर इसके लिए ग्राम पंचायत को विधिवत आवेदन दिया. उनके खेत में डबरी निर्माण के लिए 3 लाख रुपये की स्वीकृति मिली. इस कार्य से उनके परिवार के सदस्यों और अन्य ग्रामीणजनों सहित कुल 46 परिवारों को अतिरिक्त रोजगार भी प्राप्त हुआ है.

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