हेमंत शर्मा, इंदौर. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का असर हिंदू देवी-देवताओं और तीज त्यौहार पर भी पड़ रहा है। धार्मिक स्थलों में भक्तों की लगने वाली भीड़ को देखते हुए दर्शन और पूजन के भी कड़े नियम बनाए गए हैं। इसी नियम के चलते गुरुवार को महाशिवरात्रि पर्व पर कई प्राचीन और पौराणिक महत्व के मंदिरों में श्रद्धालु जलाभिषेक नहीं कर पाए। उन्हें कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक ही भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने पड़े.

शिवालयों में सुबह से ही लगी भक्तों की भीड़

उल्लेखनीय है कि भगवान शिव और देवी पार्वती के विवाह का शुभ दिवस महाशिवरात्रि के रूप में विश्वभर में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया। महिलाएं सुबह से ही हाथों में पूजा की थाली लिए समूह में मंदिर पहुंचती रहीं। यह क्रम देर शाम तक चला। सभी मंदिरों में शिव जी के जयकारे गूंजते रहे। इंदौर में प्राचीन भूतेश्वर महादेव मंदिर सहित सभी शिवालयों में सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली। इस बार महाशिवरात्रि कल्याणकारी शिव योग में मनाई गई। इस अवसर पर शहर के सभी शिव मंदिरों को आकर्षक रूप से सजाया गया। भक्तों ने भगवान को बेलपत्र, धतूरा, आक के फूल अर्पित किए.

इस बार मंदिर परिसर में नहीं मेला

कोरोना महामारी के चलते भूतेश्वर महादेव मंदिर में पिछले वर्ष से ही जलाभिषेक पर प्रतिबंध है। इसके चलते आज महाशिवरात्रि पर्व पर भी उनके भक्त भूतेश्वर महादेव को जल अर्पित नहीं कर पाए। कोरोना महामारी के लिए जारी गाइडलाइन के बाद भी भक्तों का उत्साह कम नहीं हुआ। मंदिर में प्रवेश के पहले ही भक्तों को कोरोना गाइडलाइन का पालन करने, फूल-प्रसाद नहीं चढ़ाने को लेकर अपील की गई थी। कोरोना महामारी के कारण इस वर्ष यहां पर परंपरागत रूप से लगने वाला मेला भी नहीं लगा। शिवालयों के सामने पूजन सामग्री के अलावा छुटपुट दुकानें जरूर लगी थी.

भगवान को राजशाही स्वरूप में सजाया गया

हर वर्ष शाम को दूल्हे के रूप में श्रृंगारित होने वाले भूतेश्वर महादेव इस बार सुबह से ही दूल्हे के रूप में श्रृंगार किया गया। भगवान भूतेश्वर महादेव को दूल्हे के रूप में सजाया गया। भगवान भूतेश्वर के दूल्हे रूप में आकर्षक श्रंगार को देखने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। मंदिर के मुख्य पुजारी ने बताया कि आज भगवान को राजराजेश्वर रूप में राजशाही स्वरूप में सजाया गया। इस अवसर पर भगवान भूतेश्वर से संपूर्ण विश्व में कोरोना महामारी से मुक्ति की प्रार्थना भी की गई.