रोहित कश्यप, मुंगेली। शुक्रवार को जारी हुए छत्तीसगढ़ बोर्ड के दसवीं और बारहवीं की परीक्षा के रिजल्ट ने जहां एक तरफ छात्रों में खुशियां बिखेरी वहीं दूसरी तरफ कई छात्र ऐसे भी रहे जो इन परिक्षाओं में मे असफल रहे. मुंगेली जिले के धरमपुरा गांव के एक छात्र ने फेल होने के बाद आत्महत्या कर ली.
मामला बीती रात का है मृतक छात्र लेखराम मुंगेली के बीआर साव स्कूल में कला संकाय का छात्र था. शुक्रवार को रिजल्ट घोषित होने के बाद मृतक छात्र ने अपना परीक्षा परिणाम देखा, फेल होने के बाद से वह तनाव में था. देर शाम वह घर में स्थित गौशाला में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. घटना की जानकारी परिवार को दूसरे दिन सुबह लगी.
प्रेमिका को बताया जिम्मेदार
शनिवार सुबह जब परिवार के लोग गौशाला पहुंचे तो उनके होश उड़ गए. वहां उन्होंने फांसी के फंदे में झूलती लेखराम की लाश देखी. जिसके बाद मामले की जानकारी पुलिस को दी गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा किया और तलाशी में उन्हें छात्र के शर्ट से एक सुसाइड नोट भी मिला. जिसमें उसने मौत के पीछे दो वजह बताई. पहला बारहवीं की परीक्षा में असफल होना और दूसरा अपने प्रेम प्रसंग को उसने अपनी प्रेमिका का नाम लिखते हुए उसके ऊपर प्रेमजाल में फंसाने का आरोप लगाया. सुसाइड नोट में उसने आगे लिखा कि उसके प्रेमजाल में फंसने की वजह से वह पढ़ाई नहीं कर सका और इस वजह से असफल हो गया. मृतक छात्र एक पैर से दिव्यांग था.
कोई भी परिणाम अंतिम नहीं
लल्लूराम डॉट कॉम की भी अपील है कि परिजन परीक्षा परिणाम को लेकर अपने बच्चों पर किसी तरह का कोई दबाव न डालें. रिजल्ट खराब होने पर उन्हें इसका जिम्मेदार ठहराने से अच्छा उन्हें मोटिवेट करें, उन्हें समझाएं जीवन में कोई भी परीक्षा या परिणाम अंतिम नहीं होता.
उधर इस घटना की जानकारी होने के बाद जिला कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे और एसपी चैनदास टंडन ने दुख व्यक्त करते हुए विद्यार्थियों से अपील की है कि परीक्षा परिणाम से नाखुश विद्यार्थी आत्मघाती कदम न उठाएं.
विद्यार्थियों के नाम कलेक्टर का खत
मैं जिले के सभी संस्था प्रमुख पालक और विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा में अपेक्षाकृत अच्छे परिणाम के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं. यद्यपि हाई स्कूल में हमारे जिले में अपेक्षाकृत सफलता प्राप्त नहीं की लेकिन हायर सेकेंडरी परीक्षा में जिले की सफलता ने हमें गौरवान्वित किया है. यह बड़ी खुशी की बात है कि हमारे जिले के तीन होनहार विद्यार्थियों ने टॉप टेन में प्रथम द्वितीय एवं सप्तम स्थान प्राप्त किया है। वहीं कुछ ऐसे विद्यार्थी भी हैं जो बोर्ड परीक्षा में अपनी असफलता से निराश हैं और अवसाद की स्थिति में हैं. मैं ऐसे विद्यार्थियों से अपील करता हूँ कि वे परीक्षा परिणाम से बिल्कुल विचलित न हो. अंको के इस खेल में किसी भी बच्चों की प्रतिभा को मापने का यह कोई मापदंड नहीं है बल्कि हमें उन बच्चों की नैसर्गिक प्रतिभा और क्षमता का आकलन कर उन्हें आगे बढ़ने में मदद करना है. मैं सभी विद्यार्थियों से आग्रह करता हूं कि वे परीक्षा परिणाम के पीछे ना भागे. कोई बच्चा अच्छे परीक्षा परिणाम को लेकर बहुत खुश है तो वही कुछ बच्चे निराशाजनक परिणाम से मानसिक रूप से परेशान है. सफलता और असफलता एक ही सिक्के के दो पहलू है. सफलता प्राप्त होने पर हमें घमंड नही होना चाहिए और असफल होने किसी भी स्थिति में हिम्मत नहीं हारना चाहिए. बल्कि असफल होने पर हमें नए सिरे से अपने अंदर की कमियों को जान कर उसे दूर करने का प्रयास किया जाना चाहिए. भले ही अंकों के इस दौर में हम पिछड़ जाए और हमें कमतरी का एहसास हो ,लेकिन यह किसी की प्रतिभा को मापने का कोई मापदंड नहीं है. अच्छा नंबर पाना ही कोई सफलता द्योतक नहीं है बल्कि वास्तविकता तो यह है कि हम अपने अपने अंदर छिपी प्रतिभा को उभारकर कितनी सफलता प्राप्त करते हैं. इसलिए पुनः सभी बालकों और विद्यार्थियों से अनुरोध करता हूं कि वह परीक्षा परिणाम को सकारात्मक रूप में लें और अपनी कमजोरियों को पहचान कर उसे दूर करते हुए और बेहतर परीक्षा परिणाम लाने हेतु प्रयासरत हो. इन्हीं शुभकामनाओं के साथ आप सभी का अभिवादन.