दिल्ली. नितिन गडकरी भाजपा के बेहद सीनियर नेता हैं. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी गडकरी रहे हैं. कैबिनेट के सीनियर मंत्रियों में से एक हैं. पीएम मोदी भी गडकरी की बेहद इज्जत करते हैं. इस बार कुछ ऐसा हुआ जिसको मोदी जान बूझकर कभी नहीं दोहराना चाहेंगे.
दरअसल पीएम के काफिले के चलते सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को पैदल चलकर अपने आफिस जाना पड़ा. वाकया यूं हुआ कि नीति आयोग में आयोजित एक मीटिंग में हिस्सा लेने के बाद पीएम वहां से वापस लौट रहे थे. उसी दौरान पीएम के काफिले को निकलने देने के लिए संसद मार्ग की सड़क का ट्रैफिक रोक दिया गया. लोगों को इस दौरान पैदल जाने की भी इजाजत नहीं थी.
पीएम के काफिले को रास्ता देने के लिए ट्रैफिक रोका ही गया था कि उसी दौरान नितिन गडकरी को भी उस रास्ते से गुजरना था. गडकरी बिना वक्त गंवाए अपनी कार छोड़कर पैदल अपने कार्यालय की तरफ चल दिए. खास बात ये थी कि कई पुलिसकर्मियों ने गडकरी को पहचाना ही नहीं. वो जैसे ही थोड़ी दूर पैदल चले वहां खड़े पुलिसकर्मियों ने भी गडकरी को न पहचानते हुए आगे जाने से रोक दिया. गडकरी बिना कोई तामझाम दिखाए पुलिसकर्मी की बात मानकर वहीं खड़े हो गए. संयोग से इसी दौरान वहां तैनात एक पुलिस अधिकारी ने गडकरी को पहचान लिया. अधिकारी इससे पहले कि गडकरी को वीआईपी ट्रीटमेंट देते उन्होंने पुलिस अधिकारी से निवेदन करते हुए पूछा कि क्या वे अपने दफ्तर पैदल जा सकते हैं. गडकरी की इस सादगी पर पुलिस के अधिकारी फिदा हो गए. उन्होंने न सिर्फ गडकरी को उनके कार्यालय पैदल जाने की इजाजत दे दी बल्कि प्रोटोकाल के तहत उनके साथ सुरक्षाकर्मियों को भी उनके कार्यालय भेजा. गडकरी बिना किसी तामझाम के पैदल अपने कार्यालय पहुंच गए. उनको पैदल कार्यालय आते देख परिवहन मंत्रालय के कर्मचारी भौचक्के रह गए लेकिन माजरा समझने के बाद सबने गडकरी की सादगी को जमकर सराहा.