अजय सूर्यवंशी, जशुपर. जिले में जल संसाधन विभाग की लापरवाही से अन्नदाताओं को नहरों का पानी नहीं मिल पा रहा है. नहरों की साफ-सफाई नहीं होने की वजह से नहर में बेजाकब्जा और नगरीय क्षेत्र के नहरों में नगर पंचायत द्वारा निर्माण कार्य कराकर कब्जा कर लिया गया है. सिंचाई विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से नगर पंचायत नहरों के ऊपर नाली निर्माण और सीसी रोड बनाने के लिए NOC लेना भी जरूरी नहीं समझते.

दरअसल, जल संसाधन विभाग की लापरवाही किसी से छुपी नहीं है. पूरे जिले में नहरों की हालत बहुत खराब है. नगर पंचायत बगीचा में डोड़की नदी का मुख्य कैनाल का तो भूअर्जन बना है और माइनर दोनो में बगीचा नगर पंचायत द्वारा निर्माण कार्य कराया गया है, जिसकी अनुमति विभाग से नहीं ली गई है.

बगीचा का डोडकी नदी से बहने वाली नहरों में बेजा कब्जा और निर्माण कार्य हो जाने की वजह से नहर अब नाली का रूप ले चुकी है. जिसके चलते अब किसान दो फसल नहीं ले पा रहे हैं. जब बगीचा के नहरों से किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलता था, तब यहां के किसान दो फसल लेते थे. लेकिन विभाग की लापरवाही की वजह से यहां सैकड़ों किसानों को एक फसल का नुकसान उठाना पड़ रहा है.

अन्नदाताओं का कहना है कि, बगीचा के डोड़की नदी से बहने वाली नहर नगर पंचायत वार्ड क्रमांक 5,4,8,6 और 1 से होते हुए रुपसेरा, भड़िया, झिंकि, झगरपुर, बगडोल के किसानो की भूमि सिंचित होती थी. लेकिन दो साल से तो नहरों की साफ सफाई नहीं हो रही है. पूरी नहर टूट-फूटकर मिट्टी से पट गई है. पेड़-पौधे और झाड़ियों के उग जाने से नहर का अस्तित्व ही खत्म हो जा रहा है.

प्रभारी SDO जलसंसाधन विभाग के धीरेंद्र सिंह का कहना है कि, हमारे पास बजट की कमी की वजह से हम नहरों का रिपेयरिंग कार्य नहीं करा पा रहे हैं. हमने सर्वे कार्य कराकर भेजा है, लेकिन अभी तक फंड नहीं आया है. जैसे ही हमारे पास फंड आ जाएगा हम काम करा देंगे.

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