जितेन्द्र सिन्हा, राजिम. प्रदेश में कल यानी 26 जून से स्कूल खुल जाएंगे. जिसका आदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी कर दिए हैं. लेकिन गरियाबंद जिले के आदिवासी क्षेत्र में लापरवाह अधिकारियों की वजह से अब तक कई स्कूलों के भवन का मरम्मत कार्य पूरा नहीं हुआ है. अब भी बदहाल पड़े हुए हैं. बारिश आते ही इनकी गहरी नींद टूटी और अब मरम्मत कार्य में जुट गए हैं. ऐसे में कल से स्कूल में आने वाले बच्चे कहां बैठकर पढ़ाई करेंगे.

बता दें कि, जिले के आदिवासी बाहुल्य वनांचल छेत्र के छुरा विकासखंड में स्कूलों की वर्तमान स्थिति जर्जर और बदहाल हैं. ब्लॉक के 88 ऐसे स्कूल हैं, जहां 74 स्कूलों में मुख्यमंत्री जतन योजना और 14 स्कूल में समग्र शिक्षा योजना के तहत मरम्मत का कार्य जारी है. निर्माण एजेंसी आरईएस विभाग ये मरम्मत और निर्माण कार्य कर रहा है, जिसमें 30 जून तक कार्य पूर्ण करने के निर्देश मिले हैं.

वहीं इस मामले में अनुविभागीय अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने समय में काम पूरा करने की बात कही. हालांकि अधिकारी के जवाब से सवाल ये उठता है कि, बरसात लगने के पहले जब छुट्टी थी तो इस समय क्यों स्वीकृति प्रदान नहीं की गई और बारिश होने का इंतजार क्यों करते रहे.

प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजना शाला प्रवेश उत्सव के दरमियान बच्चों को प्रोत्साहित करना तो दूर स्कूल में बैठना भी मुनासिब नहीं हो पाएगा और न ही समय में स्कूल संचालित हो पाएगा. बच्चों को गांव के सामुदायिक भवन या पंचायत भवन में कुछ महीने तक पढ़ाई करना ही पड़ेगा. यही स्थिति देखते हुए विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने पंचायतों में समुदायिक भवन जैसे अन्य भवनों में वैकल्पिक व्यवस्था के लिए आदेश देने की बात कह रहे हैं.

विकास खंड शिक्षा अधिकारी छुरा से बात करने पर बताया कि, हमने आदेश जारी कर दिया है, जिसमें शाला प्रबंधन समिति ग्राम पंचायत और जनप्रतिनिधियों को सामुदायिक भवन सामाजिक भवन जैसे खाली पड़े भवनों में मरम्मत कार्य पूर्ण नहीं हो जाता तब तक पढ़ाई संचालित की जाएगी. निर्माण कार्य से बच्चों को भी दूर रहने की बात कही गई है.

इस बारे में निर्माण करने वाले विभाग के अनुविभागीय अधिकारी छुरा बी एल देवानंद से पूछे जाने पर बताया कि, समय पर कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा, अप्रैल माह के लास्ट में निर्माण कार्य के आदेश मिले थे. निर्देश पहले मिला होता तो पहले निर्माण कार्य चालू हो जाता.

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