पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबन्द। ‘आ ‘की मात्रा के पेंच में जिले के 113 गांव में रहने वाले 48 हजार महरा लोगों का आरक्षण फंस गया है. बीते 5 सालों में 10 हजार से भी ज्यादा छात्रों के जाति प्रमाण पत्र बना नहीं है. इस संबंध में महरा समाज ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भेंट कर प्रमाण पत्र बनवाने की मांग रखी.
जिला महरा समाज के जिला अध्यक्ष डॉक्टर योगीराज माखन कश्यप के नेतृत्व में 11 जुलाई को महरा समाज के एक प्रतिनिधि मंडल ने राजधानी में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात कर अपनी समस्या को अवगत कराते हुए पूर्व की भांति एससी आरक्षण के तहत प्रमाण पत्र जारी करने की मांग की. कश्यप ने बताया कि उनकी मांगों को मुख्यमंत्री ने गम्भीरता से लेते हुए समाधान के लिए आश्वस्त किया है. अपने सचिव के माध्यम से कलेक्टर से संपर्क कर विधिवत कार्रवाई करने के निर्देश दिया है. मामले में कलेक्टर प्रभात मलिक ने कहा कि इस संबंध में जो भी निर्देश मिलेगी, उसी के आधार पर विधिवत कार्रवाई की जाएगी.
एससी आरक्षण महार के लिए, महरा का जिक्र नहीं
एससी वर्ग को मिलने वाले आरक्षण की सूची में 33वें क्रमांक पर महार जाति का जिक्र है. जिले में महरा जाति के लोग रहते हैं, जिन्हें सूची में शामिल महार जाति के मात्रगत त्रुटि जाति बता कर राज्य सरकार वर्षो से आरक्षण का लाभ दे रही थी. ईश्वर सक्सेना व अन्य 5 व्यक्ति ने इस पर आपत्ति दर्ज कराते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर किया था. दलील यह दी गई कि आरक्षण का मसला केंद्र का है. जिस पर अनुचित ढंग से राज्य सरकार द्वारा फैसला लेकर आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है. इस याचिका के बाद कोर्ट ने इस पर रोक लगा दिया. 2018 से महरा जाति का एससी वर्ग से बनाए जा रहे जाति प्रमाण पत्र बनना बन्द हो गया.
अंग्रेजी में जाति का उल्लेख, नया विकल्प
लंबे समय से किए जा रहे मांग के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने 13 मई 2022 को समस्त कलेक्टर के नाम आदेश जारी किया, जिसमें महरा व महार का जिक्र अंग्रेजी में के अक्षरों में कर जाति प्रमाण पत्र जारी करने कहा गया. भेंट करने पहुंचे प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री को बताया कि मई में जारी आदेश के बाद भी गरियाबन्द जिले मे महरा समाज के लोगो का प्रमाण पत्र नहीं बनाया जा रहा है. उन्हें अवगत कराया गया कि छात्रों के प्रमाण पत्र नहीं बनने से छात्रवृत्ति, प्रतियोगी परीक्षा के अलावा समाज के लोग आरक्षण का लाभ से वंचित हो रहे हैं. प्रतिनिधि मण्डल में माखन कश्यप के अलावा उपाध्यक्ष कंचन कश्यप, सचिव कुमेन्द्र कश्यप, सहसचिव जगदीश कश्यप, सहकोषाध्यक्ष अनूप कश्यप, प्रवक्ता गजेन्द्र कश्यप, गौरीशंकर कश्यप शामिल थे.
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