रायपुर। कृषि प्रधान राज्य और धान का कटोरा छत्तीसगढ़, जहां किसानों की आजीविका मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर है. इन किसानों को जल संकट और बिजली आपूर्ति जैसी आम समस्याओं से राहत पहुँचा कर छत्तीसगढ़ की विष्णु देव साय सरकार ने राज्य के कृषकों के लिए बहुत ही अनुकूल माहौल तैयार करके दिया है.

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार किसानों की बेहतरी के लिए लगातार नई योजनाएं लागू कर रही है. इन्हीं में से एक प्रमुख योजना “सौर सुजला योजना” है, जो राज्य के किसानों के लिए एक वरदान साबित हो रही है. इस योजना के तहत किसानों को सब्सिडी पर सोलर पंप उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे वे निर्बाध रूप से सिंचाई कर सकें और अपनी फसल उत्पादन क्षमता को बढ़ा सकें.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हाल ही में कहा, “हमारी सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के लिए प्रतिबद्ध है. सौर सुजला योजना न केवल किसानों को सिंचाई में आत्मनिर्भर बना रही है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा बचत में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.”

क्या है सौर सुजला योजना?

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना के तहत किसानों को 3HP, 5HP और 7.5HP के सौर पंप उपलब्ध कराए जा रहे हैं.. सरकार इस योजना के तहत 75% से 90% तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है, जिससे किसानों को कम लागत में सिंचाई की सुविधा मिल सके..

योजना के प्रमुख उद्देश्य:

किसानों को सिंचाई के लिए निःशुल्क ऊर्जा प्रदान करना.
डीजल और बिजली पर निर्भरता कम करना.
पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना.
छोटे और सीमांत किसानों की आय में वृद्धि करना.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का विजन

विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार ने 2025 तक 2 लाख किसानों को सोलर पंप उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है.. उनका मानना है कि छत्तीसगढ़ में कृषि की स्थिरता और विकास के लिए सौर ऊर्जा का अधिकतम उपयोग करना आवश्यक है.

मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, योजना की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है ,ताकि अधिक से अधिक किसान आसानी से इसका लाभ उठा सकें. मुख्यमंत्री साय की सक्रियता और दूरदृष्टि से इस योजना का क्रियान्वयन अत्यंत प्रभावी रूप से किया जा रहा है, जिससे हजारों किसानों को लाभ मिल रहा है..राज्य के किसानों को डबल इंजन वाली सरकार का भरपूर लाभ मिल रहा है.

सौर सुजला योजना से किसानों को मिलने वाले लाभ

इस योजना के तहत किसानों को सौर ऊर्जा से चलने वाले सिंचाई पंप अनुदान पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं. योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को निर्बाध सिंचाई सुविधा प्रदान करना और उन्हें बिजली व डीजल पर निर्भरता से मुक्त करना है. इस योजना के तहत किसानों को उनकी आवश्यकता के अनुसार 3 एचपी, 5 एचपी और 7.5 एचपी क्षमता के सौर पंप निःशुल्क या सब्सिडी पर प्रदान किए जाते है. सौर ऊर्जा से संचालित होने वाले ये पंप किसानों को बिजली या डीजल के ख़र्चों से भी राहत दिला रहे है जिससे उनकी उत्पादन लागत में भी काफ़ी कमी आ रही है. पर्यावरण हितैषी यह योजना नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देते हुए कार्बन उत्सर्जन को कम कर रही है.

मुख्यमंत्री की सक्रिय भूमिका

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने इस योजना को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने इस योजना को प्रभावी बनाने के लिए विभिन्न स्तरों पर कार्य किया, जिनमें शामिल हैं. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ मिलकर इस योजना की रूपरेखा तैयार की और यह सुनिश्चित किया कि किसानों को समय पर लाभ मिले. राज्य सरकार ने इस योजना के लिए पर्याप्त वित्तीय प्रावधान किए, ताकि अधिक से अधिक किसान इसका लाभ उठा सकें. मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार विभिन्न माध्यमों से किसानों को इस योजना के प्रति जागरूक किया जा रहा है और अधिक से अधिक किसान भी इस योजना का भरपूर लाभ उठा रहे है. इस योजना के लिए किसानों द्वारा आवेदन की प्रक्रिया को सरल बनाया गया, ताकि किसी भी किसान को इस योजना का लाभ लेने में कठिनाई न हो.

लम्बे समय से बिजली से वंचित रहे बलौदाबाजार जिले के बारनवापारा क्षेत्र के किसानों के लिए छत्तीसगढ़ शासन की सौर सुजला योजना वरदान साबित हो रही है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साथ के नेतृत्व में क्रेडा विभाग द्वारा अब तक बारनवापारा क्षेत्र में 1222 किसानों के खेतों में सौर सिंचाई पम्प स्थापित किए गए हैं, खेतों में सिंचाई सुविधा का लाभ लेना अब बहुत ही सुविधाजनक बन गया है. सौर सुजला योजना के तहत बारनवापारा क्षेत्र में 2 हार्स पावर के 03, तीन हार्स पावर के 615 और 5 हार्स पावर के 604 सोलर पम्प स्थापित किए गए हैं. यह योजना उन किसानों के लिए वरदान साबित हुई है, जिनके खेतों तक बिजली नहीं पहुंची थी या जिनके पास सिंचाई के अन्य संसाधन नहीं थे.

पहले किसान नदी-नालों से डीजल पम्प के जरिए सिंचाई करते थे, जिससे उनकी आय का बड़ा हिस्सा ईंधन पर खर्च हो जाता था,लेकिन सौर सुजला योजना के तहत मात्र 24,800 रुपये में सोलर पम्प मिलने से अब उनकी यह समस्या समाप्त हो गई है. छत्तीसगढ़ शासन किसानों को बाजार मूल्य से काफी कम कीमत पर सौर पम्प उपलब्ध करा रही है. तीन हार्स पावर के पम्प के लिए अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के किसानों को मात्र 10,000 रुपये, अन्य पिछड़ा वर्ग के किसानों को 15,000 रुपये, सामान्य वर्ग के किसानों को 21,000 रुपये का अंशदान देना होता है, जबकि 5 हार्स पावर के पम्प के लिए अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के किसानों को 15,000 रुपये, अन्य पिछड़ा वर्ग को 20,000 रुपये तथा सामान्य वर्ग के कृषक को 25,000 रुपये का अंशदान देना होता है.

सौर सुजला योजना का प्रभाव

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार की इस दूरदर्शी योजना के कारण प्रदेश के हजारों किसानों को लाभ मिला है. निर्बाध जल आपूर्ति के कारण किसानों की कृषि उत्पादकता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. किसानों की सिंचाई लागत में कमी आने से उनकी आय में वृद्धि हुई है. सौर सुजला योजना ग्रामीण क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दे रही है और रोजगार के नए अवसर भी प्रदान कर रही है. इस योजना के बाद से बिजली की मांग में कमी आई है और राज्य में विद्युत आपूर्ति का संतुलन भी बना हुआ है.

योजना का लाभ उठाने वाले किसानों के अनुभव

रामलाल साहू, किसान (बिलासपुर)
रामलाल साहू ने बताया, “पहले हमें बिजली कटौती और डीजल की महंगाई की वजह से काफी परेशान होना पड़ता था. लेकिन अब सरकार की इस योजना से हमें मुफ्त सौर ऊर्जा मिल रही है, जिससे हमारी खेती आसान हो गई है.”

गीता बाई, महिला किसान (सरगुजा)
गीता बाई ने कहा, “अब हम बिना किसी रुकावट के सालभर सिंचाई कर सकते हैं. इससे हमारी फसल अच्छी हो रही है और आमदनी भी बढ़ रही है.”

सुरेश यादव, छोटे किसान (कांकेर)
सुरेश यादव ने बताया, “मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में हमें इस योजना का लाभ मिल रहा है. अब हम आत्मनिर्भर हैं और हमारी खेती की लागत भी कम हो गई है.”

    योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया

    ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन – किसान छत्तीसगढ़ अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (CREDA) की आधिकारिक वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं.
    दस्तावेज़ की आवश्यकता – आधार कार्ड, भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र, बैंक खाता विवरण आदि जमा करने होते हैं.
    जांच एवं स्वीकृति – सरकार द्वारा दस्तावेजों की जांच कर पंप आवंटित किया जाता है.
    स्थापना प्रक्रिया – स्वीकृति मिलने के बाद सोलर पंप किसान के खेत में इंस्टॉल किया जाता है.

    भविष्य की योजनाएँ और सुधार

    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार अब इस योजना में और अधिक सुधार कर रही है:

    टोल-फ्री हेल्पलाइन सेवा – किसानों की समस्याओं को तुरंत हल करने के लिए.
    सोलर पंप की क्षमता बढ़ाने के नए विकल्प.
    महिला किसानों को प्राथमिकता.
    नए तकनीकी सुधार ताकि सौर पंप अधिक कुशलता से काम कर सकें.

    निष्कर्ष

    छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सौर सुजला योजना किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. यह योजना न केवल सिंचाई की समस्या का समाधान कर रही है, बल्कि किसानों को आत्मनिर्भर बना रही है और पर्यावरण को भी संरक्षित कर रही है. यदि सरकार इसी गति से कार्य करती रही, तो आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की एक नई मिसाल पेश करेगा.