नई दिल्ली . दिल्ली के बजट के कुछ प्रावधानों पर केंद्र की आपत्ति के बाद इसे टाल दिया गया है. इसके लिए मंगलवार का दिन तय था. बजट टलने से केंद्र और दिल्ली सरकार में नया टकराव शुरू हो गया है. इसे लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र पर निशाना साधा. इस पर एलजी कार्यालय और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी प्रतिक्रिया दी है.
केजरीवाल की ओर से केंद्र की आलोचना करने के बाद गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय ने आप सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है क्योंकि उसके बजट प्रस्ताव में विज्ञापन के लिए अधिक आवंटन है. बुनियादी ढांचे और अन्य विकास पहलों के लिए अपेक्षाकृत कम राशि आवंटित है.मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा, ‘आप सरकार ने अब तक हमारे सवालों का जवाब नहीं दिया है.’ आप सरकार के सूत्रों ने आरोपों को झूठ बताया है. उन्होंने दावा किया कि कुल बजट 78,800 करोड़ रुपये का है, जिसमें से 22,000 करोड़ रुपये बुनियादी ढांचे पर खर्च के लिए हैं. सिर्फ 550 करोड़ रुपये विज्ञापनों के लिए निर्धारित किए गए हैं. उन्होंने कहा कि विज्ञापन के लिए आवंटन राशि पिछले साल के बजट के समान ही है.
यह पहला मौका दिल्ली सरकार के सूत्रों के अनुसार, करीब दस दिन पहले बजट को मंजूरी के लिए केंद्र को भेजा गया था. इस बीच 21 मार्च को बजट पेश करने की तारीख तय हो गई. दिल्ली सरकार का आरोप है कि केंद्र ने जानबूझकर बजट पेश होने वाले एक दिन पहले उसे मंजूरी देने के बजाय सवाल पूछे हैं. दिल्ली सरकार के इतिहास में यह पहला मौका है जब केंद्र की आपत्ति की वजह से तय तारीख पर बजट पेश नहीं हो पाएगा.
केंद्र ने मांगा था स्पष्टीकरण, नहीं भेजी फाइल!
सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार से बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर से अधिक विज्ञापन पर खर्च को लेकर स्पष्टीकर मांगा था. बताया जा रहा है कि दिल्ली के उप राज्यपाल सचिवालय के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार के बजट को लेकर अपनी रुख के बारे में 17 मार्च को दिल्ली सरकार को अवगत करा दिया था. इसके बावजूद उपराज्यपाल को दिल्ली के मुख्यमंत्री ने बजट की फाइल अभी तक नहीं भेजी.
दिल्ली में मंगलवार को बजट पेश नहीं होगा. भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि बजट पेश होने की तारीख तय थी लेकिन उससे एक दिन पहले शाम को केंद्र सरकार ने बजट पर रोक लगा दी है.
-अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री