डूंगरपुर। राजस्थान के डूंगरपुर ज़िले में एक युवक की निर्मम हत्या के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। वारदात के पांच दिन बाद पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दो नाबालिगों को डिटेन किया गया है। चौंकाने वाली बात यह रही कि गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपी युवकों ने लड़कियों का भेष धारण कर रखा था। सलवार-सूट और चुन्नी पहनकर वे पुलिस की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश कर रहे थे।
डूंगरपुर के पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार ने बताया कि 21 अक्टूबर की शाम को सदर थाना क्षेत्र में हुई हत्या ने पूरे इलाके को दहला दिया था। मृतक की पहचान राजेंद्र रोत के रूप में हुई, जो अहमदाबाद में जोमैटो में डिलीवरी एजेंट के रूप में काम करता था और दिवाली पर अपने घर हिराता आया हुआ था।
पैदल लौटते समय किया गया हमला
राजेंद्र अपने चचेरे भाई कौशिक रोत के साथ खेरवाड़ा मोतली मोड़ पर बस से उतरा था। घर जाने के लिए वाहन न मिलने पर दोनों पैदल ही अपनी बुआ के घर, देवल फेरा फला की ओर बढ़ रहे थे। उसी दौरान, देवल स्कूल के पास तीन बाइकों पर सवार सात युवकों ने उन्हें घेर लिया। मौज-मस्ती, शराब पार्टी और पॉवर बाइक में पेट्रोल डलवाने के लिए उन्होंने राजेंद्र से पैसों की मांग की जब उसने इसका विरोध किया तो आरोपियों ने ताबड़तोड़ चाकू से उसपर वार किए, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
पुलिस ने हत्या के बाद विशेष टीम गठित कर जांच शुरू की। लगातार प्रयासों के बाद पुलिस को संदिग्ध युवकों के सोशल मीडिया अकाउंट्स से सुराग मिला। इन अकाउंट्स पर “007 शूटर,” “राइडर,” “रफ्तार,” और “अपराधी गैंग” नाम से डराने-धमकाने वाले वीडियो पोस्ट किए गए थे।
गिरफ्तारी से बचने के लिए किया लड़कियों का भेष
एसपी मनीष कुमार के अनुसार, आरोपी वारदात के बाद पुलिस से बचने के लिए लड़कियों का वेश धारण कर घूम रहे थे। वे सलवार-सूट और चुन्नी पहनकर भीड़भाड़ वाले इलाकों में घूमते थे ताकि कोई उन पर शक न करे। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर पहचान कर तीनों को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान दिनेश पुत्र मुकेश कलासुआ (निवासी बंजारिया, थाना खेरवाड़ा), पीयूष पुत्र चुन्नीलाल डामोर, और प्रेमप्रकाश उर्फ प्रेमा पुत्र बाबूलाल डामोर (निवासी खांडी ओबरी, थाना खेरवाड़ा) के रूप में हुई है।
शराब की लत और महंगे शौक ने बनाया अपराधी
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि वे शराब की लत, मौज-मस्ती, और महंगे शौक पूरे करने के लिए लूटपाट और हमले की वारदातों को अंजाम देते थे। उन्होंने बताया कि पावर बाइक में पेट्रोल भरवाने और पार्टी करने के लिए पैसों की जरूरत पड़ने पर वे राह चलते लोगों को रोककर डराते और लूट लेते थे।
पुलिस ने जब्त किया हथियार और बाइक
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने आरोपियों के पास से चाकू, लट्ठ, और वारदात में इस्तेमाल मोटरसाइकिल बरामद की है। तीनों आरोपियों के खिलाफ डूंगरपुर और उदयपुर जिलों के विभिन्न थानों में पहले से चार मुकदमे दर्ज हैं।
पहले से आपराधिक रिकॉर्ड
आरोपी दिनेश कलासुआ, पीयूष डामोर, और प्रेमप्रकाश उर्फ प्रेमा डामोर के खिलाफ उदयपुर के खेरवाड़ा थाने में 1 मामला दर्ज है। जबकि, डूंगरपुर के सदर थाने में 2 मामले दर्ज हैं। इसके अलावा प्रेमप्रकाश उर्फ प्रेमा के खिलाफ उदयपुर के बागपुरा थाने में आर्म्स एक्ट का केस भी दर्ज है।
गैंग के बाकी सदस्यों की तलाश जारी
पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि गैंग के अन्य सदस्य कौन हैं और उन्होंने अब तक कितनी वारदातों को अंजाम दिया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह गिरोह लंबे समय से डूंगरपुर और आसपास के इलाकों में सक्रिय था और सोशल मीडिया पर खुद को “गैंगस्टर” बताकर युवाओं को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा था।
एसपी मनीष कुमार ने कहा, “यह मामला दिखाता है कि कैसे कुछ युवा गलत संगत, नशे और दिखावे के चक्कर में अपराध की राह पकड़ लेते हैं। हमने तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, बाकी सदस्यों की तलाश जारी है।”
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