दुर्ग। मोहन नगर थाना क्षेत्र में 6 साल की मासूम बच्ची के साथ हुई दरिंदगी और हत्या (Rape and Murder Case) के बाद प्रदेश की सियासत में उबाल आ चुका है। गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और उन्हें न्याय का भरोसा दिलाया। उन्होंने इस घटना को “निर्भया कांड से कम नहीं” बताया और कहा कि प्रदेश में अब सुशासन नहीं बल्कि “गुंडाराज” चल रहा है।

पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद दीपक बैज ने पत्रकारों से कहा कि 6 अप्रैल, दुर्गा अष्टमी और राम नवमी के शुभ दिन, हमारी छह साल की बच्ची जो कन्या भोज में शामिल होने के लिए सुबह घर से निकली थी, वह शाम और देर रात तक घर नहीं लौटी। मासूम बच्ची का शव एक कार में मिला, जिसके शरीर पर गंभीर चोटों के निशान थे। प्राइवेट पार्ट पर भी गंभीर चोट पहुंचाई गई थी और शरीर पर एसिड अटैक के भी प्रमाण मिले हैं। यह घटना पूरी तरह से निर्भया कांड जैसी ही बर्बर और अमानवीय है।
दीपक बैज ने उठाएं सवाल
दीपक बैज ने कहा कि घटना दिन के समय हुई, फिर बच्ची की लाश रात के वक्त कार में कैसे मिली? इस घटनाक्रम के दौरान किसी ने कुछ देखा क्यों नहीं? जिस स्थान पर यह कार खड़ी थी, वहाँ तो दरवाजा तक नहीं है। ऐसे कई सवाल हैं जो परिवारवालों और आम जनमानस के मन में उठ रहे हैं। परिजनों का कहना है कि उन्हें स्थानीय पुलिस पर बिल्कुल भरोसा नहीं है। इस प्रकार की घटना को कोई अकेला व्यक्ति अंजाम नहीं दे सकता, इसमें कई लोग शामिल हो सकते हैं। परिजनों ने मामले की CBI जांच की मांग की है।
छोटी बच्ची से पूछताछ के नाम पर की मारपीट
दीपक बैज ने बताया कि परिवार का यह भी आरोप है कि पुलिस प्रशासन ने घर की छोटी बच्ची को पूछताछ के नाम पर रात ढाई बजे उठा लिया और उसके साथ मारपीट की। घर के अन्य सदस्यों के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया है। पूरे प्रदेश में पुलिस प्रताड़ना का दौर चल रहा है। बलरामपुर, धमतरी और लोहारीडीह जैसी घटनाओं के बाद पुलिस ने यहाँ भी ऐसी ही अमानवीयता को दोहराने की कोशिश की है। इस प्रदेश में अब सुशासन नहीं, बल्कि गुंडाराज का माहौल बन चुका है। सरकार का कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति अब तक इस संवेदनशील मामले को संज्ञान में लेने नहीं आया है। कांग्रेस पार्टी ने इस जघन्य घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि इस सरकार में कोई भी सुरक्षित नहीं है।
जानिए क्या है पूरा मामला
बता दें कि मोहन नगर थाना क्षेत्र के उरला इलाके की रहने वाली 6 साल की बच्ची की गुमशुदगी की रिपोर्ट उसके परिजनों ने पुलिस में दर्ज कराई गई थी। बताया गया कि, रविवार सुबह 9 बजे अपनी दादी के घर कन्या भोज के लिए गई थी। इसके बाद से वह घर नहीं लौटी। पुलिस भी तलाश में जुटी लेकिन बच्ची का कोई पता नहीं चला। इस बीच, शाम 7.30 बजे सूचना मिली की बच्ची की लाश एक कार में मिली है। ये कार दादी के घर के बाहर ही खड़ी थी। परिजन मौके पर पहुंचे और लाश को डिक्की से बाहर निकाला। इस दौरान बच्ची खून से लहूलुहान मिली।
बच्ची बहुत बुरी हालत में कार के अंदर सीट के नीचे पड़ी थी। उसके पूरे शरीर पर चोट के निशान थे, चमड़ी उधड़ी हुई थी। परिजन बच्ची को लेकर दुर्ग जिला अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टर्स ने मृत घोषित कर दिया।
भीड़ ने संदेही के घर लगाई आग
वारदात के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया। देर रात कार मालिक के घर और कार में तोड़फोड़ भी हुई। इधर पुलिस ने भी, कार मालिक, उसके ड्राइवर समेत 5 लोगों को संदेह आधार पर हिरासत में लिया। इनमें बच्ची का चाचा भी था। इसके बाद, आगे की पूछताछ में संदिग्ध में 3 लोग बचे। पुलिस का कहना है कि, पूछताछ, टेक्निकल सबूत और आरोपी के कबूलनामा से ये पता चला का कि, आरोपी बच्ची का ही चाचा है। फिलहाल उसे रिमांड में लेकर और सवालों के जवाब ढूंढे जा रहे।
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