चंद्रकांत देवांगन, दुर्ग। नाबालिग रुद्रनारायण देशमुख की हत्या मामले में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. खुलासा ये कि रुद्र की हत्या नहीं नर बलि थी. हत्यारों ने टोना-टोटका के चक्कर में पड़ पैसा कमाने के लिए अपने ही रिश्तेदार की हत्या की थी. हत्यारों के अंदर अंधविश्वास इस कदर भरा हुआ था कि उन्होंने अपने ही घर के एक बच्चें की जान ले ली.

दुर्ग पुलिस ने जब इस मामले में हत्या के आरोपी पंचुराम देशमुख और धनराज नेताम को गिरफ्तार किया तो पूरे मामले का खुलासा हुआ. पंचुराम देशमुख इस मामले का मुख्य आरोपी है. वहीं मृतक रुद्र पंचु का साला था. रुद्र की लाश पुलिस अंडा थाना क्षेत्र के आलबरस गाँव में जली अवस्था मिली थी. पुलिस ने जब मामले की पड़ताल शुरू की तो 48 घंटे के भीतर ही घटना के रहस्य से पर्दा उठ गया. लेकिन जैसे ही रहस्य पर्दा उठा पुलिस के भी होश उड़ गए. आज भी लोग अंधविश्वासी हैं कि वे नर बलि जैसी घटना को अंजाम देने में लगे हैं.

पुलिस के मुताबिक हत्या के मामले में गिरफ्तार धनराज नेताम ने अपने मित्र पंचुराम देशमुख को फांसी की रस्सी से पूजा पाठ कर पैसा झड़ने की बात बताई थी. इस जानकारी के बाद पंचु टोना-टोटका के जरिए पैसा कमाने के चक्कर में पड़ गया. वह कई दिनों तक फांसी की रस्सी की जुगाड़ में लगा रहा.  रस्सी नहीं मिलने उसने अपने रिश्तेदार नाबालिग साले रुद्र की हत्या की योजना बनाई.

23 दिसंबर की सुबह रुद्र को वह मेला दिखाने की बहाने अपने साथ ले गया. आलबरस और निकुम मार्ग के बीच सुनी जगह पर पंचु ने जमकर शराब पी, अपने 15 वर्षीय साले रुद्र को भी शराब पिलाई. इसके बाद अंधविश्वास में डूब पंचु ने वहीं पर रस्सी से घला घोटकर रुद्र की हत्या कर दी. हत्या के बाद एक कागज में मौत की तारीख, समय, मृतक का नाम लिखकर उसे रुद्र की जेब में रख फरार हो गया. आरोपी ने देर रात घटना स्थल पर वापस पहुँच शव को पैरा से जला दिया.

पुलिस को एक अज्ञात लाश आलबरस के खेत में मिलने की जानकारी मिली. पुलिस मर्ग कायम कर जाँच शुरू की. जाँच के दौरान ही पता चला कि अर्जुन्दा थाने में 26 तारीख को रुद्र के लापता होने की शिकायत हुई थी. गुम इंसान के दर्ज रिपोर्ट के आधार पुलिस ने खेत में मिली लाश के पास से मिले साक्ष्य को परिजनों से पहचान कराई. परिजनों लापता रुद्र नारायण देशमुख के तौर पर ही लाश की पहचान की. पूछताछ में पता चला की रुद्र पंचु के साथ मेला देखने के लिए निकला था. इधर पंचु घटना के बाद गायब था. पुलिस ने शक के आधार पर पंचु की तलाश शुरू की.

पुलिस को पड़ताल के दौरान जानकारी मिली कि पंचुराम धमतरी जिले में बोराई गाँव में है. पुलिस ने दबिश दी और पंचु पकड़ा गया. पंचु से पूछतात में खुलासा हुआ कि इस घटना में उसका साथी धनराज नेताम भी शामिल है. पंचु ने बताया कि धनराज नेताम से उसकी दोस्ती ढाई साल पहले हुई थी. धनराज ने पैसा कमाने का यह तरीका बताया था. उसने कहा था कि फांसी की रस्सी लाकर दोगो को तुम्हें लखपति बना दूँगा. मैं धनराज के झांसे में आ गया और मैं रुद्र की हत्या कर दी.

पुलिस ने आरोपी के पास घटना प्रयुक्त रस्सी, कागज अन्य समान जब्त कर लिया है. वहीं एसएसपी अजय यादव ने पूरे मामले का खुसासा महज 48 घंटे में करने वाली पुलिस टीम को 20 हजार इनाम देने की घोषणा की है.

इस घटना ने लेकिन समाज को झकझोर दिया कि और यह सोचने को मजबूर कर दिया कि आधुनिक सूचना प्रौद्योगिक के इस युग में अनेक लोग ऐसे जो अभी भी अंधविश्वास के शिकार हैं. समाज में फैले अंधविश्वास, सामाजिक कुरतियों को खत्म कराने हर वर्ग को आगे आना होगा. समाज के शिक्षित वर्गों को ऐसे मामलों में सचेत होने की जरूरत है. जरूरत लगातार जन जागरण चलाने की. ताकि किसी भी तरह कि टोना-टोटका, झांसा में लोग न आए. न ही नर बलि या अन्य तरह की कोई अंधविश्वासी घटना हो.