रायपुर। दुर्गा नवमी के अवसर पर रायपुर के पंडरी स्थित दंतेश्वरी मंदिर में जवारा विसर्जन के लिए कलश यात्रा निकली. भक्ति में लीन श्रद्धालुओं के चेहरे पर नौ दिन के वर्त की शिकन गायब थी. एक अलग ही शक्ति और उर्जा से सराबोर यह कलश यात्रा दंतेश्वरी मंदिर से निकलकर पंडरी तालाब तक चली जहां जवारा का विसर्जन किया गया.
जवारा विसर्जन यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं ने अपनी श्रद्धा के अनुरूप शरीर के कुछ भागों जैसे जीभ और गाल पर सुईयां और सांघ चुभो कर भक्ति में झुमते हुए पद यात्रा की.
इस यात्रा में आकर्षण का केंद्र रहा वह भक्त जो जवारा थामी महिलाओं के आगे चल रहा था, इस भक्त ने अपने शरीर पर 151 सुईयां चुभाई थी, लेकिन चेहरे पर ना ही शिकन और ना ही पीड़ा का कोई भाव था. यह भक्त कई सालों से इसी तरह यात्रा के समय शरीर पर सैकड़ों सुईयां चुभा कर यात्रा में शामिल होता है.
मंदिर के पुजारी ने बताया कि मां दंतेश्वरी के सत से ही यहां पंडरी में माता का मंदिर बनाया गया. तब से हर साल यहां जवारा विसर्जन की यात्रा भक्ति भाव से निकाली जाती है. इसके साथ ही एक विशाल भंडारे का आयोजन भी किया जाता है जिसमें हजारों की तादात में श्रद्धालु शामिल होते हैं.