रायपुर। विधायक एवं संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने हालिया दिनों में अचानक से बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि सर्दी आने से लोग घरों में ज्यादा रह रहे हैं और एयर सर्कुलेशन कम हुआ है। इसके चलते व्यक्तियों में इम्यूनिटी पावर में कमी आई है वहीं त्योहारों के चलते बाजारों में बढ़ी भीड़ के चलते यह संक्रमण तेजी से फैला है। उन्होंने मोदी सरकार को फिर से एक बार छग के साथ आर्थिक पैकेज देने सौतेला व्यवहार का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने आत्मनिर्भर की परिभाषा को ही राज्यों पर थोप दिया है वे स्वयं आत्मनिर्भर बनकर अपनी व्यवस्था करें।

विधायक विकास उपाध्याय ने पिछले कुछ हफ्तों से छग सहित पूरे देश के कई राज्यों में कोरोना मरीजों की तादात में अचानक आई बढ़ोतरी को लेकर कहा कि ठंड में एयर सर्कुलेशन कम होने की वजह से संक्रमण बढ़ रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा जिस तरह से कोरोना संक्रमण के मामले कम हुए थे, उससे लोग बेपरवाह हो गए और कोविड-19 के नियमों का पालन लोग ठीक से नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा बढ़ते संक्रमण को किसी लहर के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए क्योंकि देश में अलग-अलग जगहों पर केस बढ़े या घटे हैं।

विकास उपाध्याय ने कहा कि ऐसी परिस्थिति में सही तरीके से और लगातार मास्क पहनना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि संक्रमण का एक साईकिल होता है, संक्रमित होने के 15 से 20 दिन के बाद इनमें से 85 से 90 फीसदी के लोग ठीक हो जाते हैं, जबकि 15 फीसदी को गंभीर मामलों में अस्पताल में भर्ती कराना पड़ रहा है। इनमें से भी करीब 5 फीसदी को ही ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है। यह पूरा साइकिल तीन से चार हफ्ते का होता है जो आगे चलकर रिकवरी की दर फिर से बढ़ने लगेगी।

उन्होंने कहा कि पिछले एक-डेढ़ महीने के दौरान लोग भी थोड़े बेपरवाह दिखाई दिये हैं। मास्क पहनने या सामाजिक दूरी जैसे नियमों को लेकर लोगों की सतर्कता कम हुई है और इसका असर साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। मास्क लगाने व कम आवाजाही करने को संक्रमण रोकने का मूल मंत्र माना है।

विकास उपाध्याय ने कहा कोविड-19 की शुरूआत को करीब 9 से 10 महीने हो चूके हैं और हमारे पास इसका अच्छा खासा अनुभव है, जिसका लाभ स्वस्थ रहने लोगों को लेना चाहिए। संसदीय सचिव ने कहा कि इस महामारी का पीक चाहे कितना भी ऊँचा हो, अहम चीज यह है कि हम मृत्यु दर को कैसे कम सकते हैं।

विकास उपाध्याय ने इस पूरे मामले पर केन्द्र की मोदी सरकार को फिर से एक बार कटघरे में खड़े कर आरोप लगाया कि पूरे कोरोना काल के दौरान केन्द्र सरकार का रवैया छग के प्रति सौतेला सा रहा है। मांग की गई आर्थिक पैकेज देना तो दूर छग के हक के जी.एस.टी. सहित अन्य मदों के लंबित भुगतान को भी केन्द्र ने नहीं किया। इससे साफ जाहिर है कि भाजपा का रवैया कांग्रेस शासित प्रदेशों के प्रति सकारात्मक नहीं है।