महाकुंभ में बीते 29 जनवरी को मची भगदड़ (Mahakumbh stampede) को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने गुरुवार को सुनवाई की. मामले को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने याचिकाकर्ता के लगाए गए आरोपों के समर्थन में रिकॉर्ड दर्ज कराने का निर्देश दिया है. भगदड़ में लापता हुए और जान गंवाने वाले लोगों की जानकारी जुटाने के लिए न्यायिक निगरानी समिति गठित करने की मांग को लेकर याचिका दायर की गई थी. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस अरुण भंसाली और जस्टिस क्षितिज शैलेन्द्र की बेंच ने की. अब 19 फरवरी को अगली सुनवाई होगी.

बता दें कि महाकुंभ में 29 जनवरी को भगदड़ हुई थी. इसमें 30 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं, पिछले 3 दिनों से महाकुंभ जाने वाले हर मार्ग पर भीषण जाम है. यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है. श्रद्धालुओं को खाने-पीने का सामान तक नहीं मिल रहा है. 10 घंटे की यात्रा पूरी करने में 30 घंटे लग रहे हैं.

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वीआईपी कल्चर पर लगाई गई थी रोक

भगदड़ के बाद से सबक लेते हुए मेला परिक्षेत्र में अब वीआईपी कल्चर को खत्म कर दिया गया था. यही वजह है कि सीएम योगी भी जब भगदड़ वाली जगह पर पहुंचे तो सड़क को ब्लॉक नहीं किया गया था. 73 देशों के प्रतिनिधि भी महाकुंभ आए थे. वह अलग-अलग जगहों गए. उनके लिए भी कोई VIP प्रोटोकॉल नहीं दिया गया. किसी भी घाट को रिजर्व में नहीं रखा गया था. हालांकि बाद में स्थिति फिर जस की तस हो गई और एक बार फिर वीआईपी कल्चर शुरू हो गया. इस पर सीएम ने नाराजगी भी जताई थी.