नई दिल्ली. भारत सरकार और फ्रांस सरकार के बीच रक्षा के क्षेत्र में हुए समझौते को लेकर, देश में चर्चा का माहौल गर्म है. राफेल डील को लेकर कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने नई दिल्ली में प्रेस कांन्फ्रेस कर चर्चा किया. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर राफेल शौदेबाजी को लेकर आरोप लगाते हुए पीएम को भ्रष्ट और चोर तक कह दिया. प्रेस कांन्फ्रेस के दौरान उन्होंने कहा अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री ने ऐसी चाल चली है.

अनिल अंबानी के 30 हजार करोड़ रुपए के कर्ज चुकाने के लिए देश के साथ विश्वासघात किया है. प्रधानमंत्री देश के रक्षक न होकर अनिल अंबानी के चौकीदार है. देश के रक्षा मंत्री को भी प्रेस कान्फ्रेस के दौरान आडे हाथों लिया. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी मोदी सरकार को फ्रांस सरकार को राफेल डील से जुड़ी हर जानकारी को मुहैय्या कराने के लिए केंद्र सरकार को आदेश दिए हैं. कोर्ट ने सरकार से उस प्रक्रिया की भी डिटेल देने को केंद्र से कहा है जो कि फ्रांस की कंपनी दासों एविएशन के साथ डील के दौरान अपनाई गई.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से 29 अक्टूबर तक ये सूचनाएं उपलब्ध कराने के आदेश केंद्र सरकार को दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को होगी. इसे सरकार के लिए करारा झटका माना जा रहा है क्योंकि विपक्ष पहले से ही सरकार पर हमलावर है औऱ आरोप लगा रहा है कि राफेल जेट खरीदने में बड़ा घोटाला किया गया है. अब इस मामले की आंच सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई है.

राफेल से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से यह रिपोर्ट तलब की. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच ने कहा है कि वह डिफेंस फोर्सेज के लिए राफेल विमानों की उपयुक्तता पर कोई राय व्यक्त नहीं कर रहे हैं. बेंच ने कहा, हम सरकार को कोई नोटिस जारी नहीं कर रहे हैं, हम केवल फैसला लेने की प्रक्रिया की वैधता से संतुष्ट होना चाहते हैं. बेंच ने यह भी साफ किया है कि वह राफेल डील की तकनीकी डीटेल्स और कीमत के बारे में सूचना नहीं चाहता है.