लक्ष्मीकांत बंसोड़, बालोद। जिले के आदिवासी ब्लॉक डौंडी के ग्राम घोटिया में धान खरीदी केंद्र से गड़बड़ी सामने आई है. प्रबंधक और तौलकर्मियों के द्वारा धान बेचने आए किसानों से 40 किलो के मानक बोरे में 1 से 3 किलो धान ज्यादा तौला जा रहा है. किसानों के मुताबिक हर बोरे से इतनी ही मात्रा में एक्स्ट्रा धान तौला जा रहा है. बुधवार को लल्लूराम डॉट कॉम की टीम घोटिया धान खरीदी केंद्र पहुंची. जहां तौलकर्मियों के द्वारा तौल में गड़बड़ी करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया. इस पर तौलकर्मियों ने किसानों के सामने स्पष्ट कहा कि उठाव के बाद शॉर्टेज आने पर समिति से वसूली की जाती है. इसलिए समिति के सहायक प्रबंधक टोमेश्वर निषाद के कहने पर हर बोरे में थोड़ा थोड़ा धान ज्यादा लेते हैं.
किसानों के साथ धान मंडी में हो रही धोखाधड़ी की खबर गांव की सरपंच ममता मंडावी, उप सरपंच सालिक राम, पंच मितेंद्र वैष्णव सहित कुलवंत वैष्णव और कई जनप्रतिनिधियों और अन्य मीडियाकर्मियों को हुई. जिसके बाद सभी तत्काल धान मंडी पहुंचे और किसानों के साथ हो रहे अन्याय को देखकर उनकी भी आंखें फटी की फटी रह गई. जिसके बाद सहायक प्रबंधक टोमेश्वर निषाद को बुलाया गया तो वे भी अपनी और अपने तौलकर्मियों की करतूतों पर पर्दा डाल आते ही आग बबूला हो गए. जब सभी के सामने पहले तौल कर सिलाई हो चुके बोरों सहित कई बोरों को तौला गया तो हर बोरे में लगभग 1 से 3 किलो ज्यादा धान पाया गया.
इतना सब कुछ होने और सबके सामने पोल खुल जाने के बाद टोमेश्वर निषाद करतूतों पर पर्दा डालने के लिए मीडियाकर्मियों पर ही पैसा मांगने का आरोप लगा दिया. मामले की जानकारी कलेक्टर को दी गई. जिसके बाद सहकारिता विस्तार अधिकारी मनोज नेताम और पटवारी सुरेश सिन्हा धान मंडी पहुंचे और सभी के सामने अलग-अलग किसानों सहित तीन दिन पूर्व खरीदी हुए कुल 14 बोरों की नमी मापी. साथ ही दोबारा वजन करवाया तो मात्र तीन बोरों का वजन 40 किलो और शेष में आधा किलो से लेकर डेढ़ किलो तक ज्यादा धान पाया गया. सबसे ज्यादा आश्चर्य तो तब हुआ जब तीन दिन पहले खरीदी हुए धान के बोरे को तौला गया तो उसमे 40 की जगह 43 किलो धान निकला.
धान बेचने आए किसान यशवंत सिंह का कहना है कि हर कट्टे में से 1 से 2 किलो ज्यादा धान निकल रहे दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. किसान मोहन सिंह ठाकुर का कहना है कि किसानों के साथ धोखाधड़ी कर 1 से 3 किलो धान ज्यादा तौल हम किसानों के हिस्सें पर ढाका ढाल रहें इन लोगों पर कार्यवाही होनी चाहिए.
जांच करने आए सहकारिता विस्तार अधिकारी मनोज नेताम ने प्रबंधक और समिति के कर्मियों का बचाव करते हुए कहा कि थोड़ी बहुत अनियमितता हुई है. पंचनामा तैयार किया गया है. जिसे उच्च अधिकारियों को भेज दिया जाएगा. आगे की कार्रवाई क्या होगी वो उच्च अधिकारी ही बता पाएंगे.
बता दें कि घोटिया समिति में 11 सौ से अधिक पंजीकृत किसान हैं. यदि एक किसान 200 बोरा धान बेचता है तो 1 किलो के हिसाब से हर किसान का 200 किलो यानी दो क्विंटल धान की हेराफेरी है. इसी तरह 11 सौ किसानों का हिसाब लगाया जाए तो लगभग 2 लाख 20 हजार किलो मतलब 2 हजार 2 सौ क्विंटल धान की हेराफेरी हो रही है. जो 50 लाख से भी ज्यादा की राशि होती है. ये आंकड़े सिर्फ एक समिति की हैं. ऐसी सैकड़ों समितियां जिले में धान खरीदी कर रही हैं. तो सोचने योग्य बात ये है कि बालोद जिले के भोले-भाले किसानों की मेहनत की कमाई का करोड़ों रुपया लूट लिया जा रहा है.
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