रायपुर. असत्य पर सत्य की जीत का पर्व विजयदशमी आज पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है. हर शहर में रावण पुतले के दहन को लेकर तैयारियां की गई है. वहीं विजयदशमी के दिन इस खास पक्षी के दर्शन से हर मनोकामनाएं पूर्ण होने की भी मान्यता है.

ज्योतिषाचार्य के मुताबिक], विजयदशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, लेकिन इस दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन करने से मनुष्य को सभी मनोकामनाओं की प्राप्ति होती है. इसके पीछे हमारे धर्म ग्रंथ में उल्लेख है कि रावण का वध करने के बाद मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम को ब्रह्म हत्या का पाप लगा था. इसके बाद श्री राम ने भगवान शंकर की पूजा की थी और भगवान शंकर ने विजयदशमी के दिन ही उन्हें नीलकंठ पक्षी के रूप में दर्शन दिया था, जिससे उन्हें लगे ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति मिली थी. इसीलिए कहा जाता है कि विजयदशमी के दिन जो भी व्यक्ति नीलकंठ पक्षी का दर्शन करता है उसकी हर मनोकामनाएं पूर्ण होती है.

ज्योतिषाचार्य ने यह भी बताया कि विजयदशमी के दिन शमी पेड़ का विधि विधान से पूजन करने और अपराजिता के पूजन का भी विशेष महत्व है. अगर किसी भी व्यक्ति द्वारा दशहरे के दिन शमी के पेड़ का पूजन किया जाता है तो उसे आरोग्य धन वैभव की प्राप्ति होती है. इसके अलावा अपराजिता के पूजन करने से व्यक्ति कभी भी पराजित नहीं होता है.