गुरुग्राम के लोग जल्द ही द्वारका एक्सप्रेस-वे (Dwarka Expressway) पर सफर कर सकेंगे. इसका निर्माण अंतिम चरण में चल रहा है. इसमें आ रही बाधा जल्द दूर होगी. राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (National Highway Authority of India) के चेयरमैन संतोष कुमार यादव ने हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल को पत्र लिखकर मुख्य पांच विषयों से अवगत करवाया है.

द्वारका एक्सप्रेस-वे को 9000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है और इसे चार पैकेजों में बनाया जा रहा है. जबकि पैकेज तीन और चार गुरुग्राम में हैं और 19 किलोमीटर लंबे हैं. पैकेज एक और दो दिल्ली में हैं और ये दोनों लगभग 10 किलोमीटर लंबे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्च के पहले सप्ताह में सड़क का उद्घाटन करने की संभावना है.

इसमें कहा गया है कि संबंधित विषयों से अधिकारियों को जल्द से जल्द समाधान करने के लिए निर्देशित किया जाए. एनएचएआई के चेयरमैन संतोष कुमार यादव ने बताया कि द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण एक एक्सेस नियंत्रित शहरी एक्सप्रेसवे के रूप में किया गया है. मास्टर प्लान को ध्यान में रखते हुए केवल निर्दिष्ट स्थानों पर द्वारका एक्सप्रेसवे (Dwarka Expressway) पर प्रवेश/निकास होगा. उन्होंने बताया कि जीएमडीए द्वारका एक्सप्रेसवे तक स्थानीय यातायात की पहुंच प्रदान करने के लिए एक्सप्रेसवे के साथ सेक्टर रोड (हरित बेल्ट से सटी हुई) विकसित करना है.

उन्होंने पत्र में कहा कि गुरुग्राम की मास्टर प्लान को ध्यान में रखते हुए निर्दिष्ट स्थानों पर द्वारका एक्सप्रेसवे पर प्रवेश और निकास के साथ, द्वारका एक्सप्रेसवे की परिकल्पना एक पहुंच-नियंत्रित एक्सप्रेसवे के रूप में की गई है. उन्होंने पत्र में कहा, “जीएमडीए द्वारा सेक्टर रोड के निर्माण में देरी के कारण, स्थानीय यातायात अनधिकृत तरीके से एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल कर रहा है, जो एक संभावित सड़क सुरक्षा खतरा है. एनएचएआई से जीएमडीए और जिला प्रशासन को कई बार अनुरोध के बावजूद, अनधिकृत पहुंच को रोकने और हादसों को रोकने के लिए उनकी तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई है.”

मामले से जुड़े एक वरिष्ठ एनएचएआई अधिकारी ने कहा कि उन्होंने बार-बार जीएमडीए के साथ इन मामलों को उठाया है. लेकिन सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है. अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “बार-बार याद दिलाने के बावजूद, कोई काम नहीं हुआ है, जिसके कारण मामले को उच्चतम स्तर पर उठाया गया है.”

एनएचएआई के अध्यक्ष ने आगे कहा कि जीएमडीए को एक्सप्रेस-वे के साथ सड़क और उसके साथ के आवासीय क्षेत्रों में जलभराव से बचने के लिए दिल्ली हरियाणा सीमा से बसाई रोड ओवर ब्रिज तक एक सेक्टर नाला बनाना था. उन्होंने कहा, “विभिन्न मंचों पर एनएचएआई की कई अपील के बावजूद, जीएमडीए द्वारा जलभराव और संभावित स्वास्थ्य और सुरक्षा समस्याओं को रोकने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है.”

एनएचएआई ने यह भी कहा है कि जीएमडीए बार-बार अनुरोधों के बावजूद बाजघेरा अंडरपास में भूमि प्रदान करने में नाकाम रहा है. जिसकी वजह से सिर्फ 3 मीटर का स्लिप रोड बनाया जा सकता था. उन्होंने कहा, “जीएमडीए इस जगह पर आवश्यक भूमि प्रदान नहीं कर सका. द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण पूरा हो चुका है और जब भी उन्हें जमीन उपलब्ध होगी, जीएमडीए द्वारा स्लिप रोड को चौड़ा करने की आवश्यकता हो सकती है.”