नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने अपने शिक्षकों को यूके फिनलैंड, सिंगापुर और भारत में IIM में विभिन्न लीडरशिप और कैपेसिटी बिल्डिंग ट्रेनिंग के माध्यम से खुद को बेहतर बनाने और नई तकनीकी और शिक्षण के तरीकों को सीखने का अवसर दिया है. इसी दिशा में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को लंदन में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की फैकल्टी से मुलाकात की. उन्होंने यूनिवर्सिटी के साथ चल रही दिल्ली सरकार की मौजूदा साझेदारी और इसे अगले स्तर पर ले जाने को लेकर चर्चा की. दिल्ली सरकार ने जून 2016 से अब तक अपने स्कूलों के 354 स्कूल प्रमुख, अधिकारियों व शिक्षकों को लीडरशिप ट्रेनिंग के लिए कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी भेजा है. अब तक ऐसे 12 बैचों को ट्रेनिंग के लिए भेजा गया है, साथ ही शैक्षणिक वर्ष 2022-2023 में 150 स्कूल प्रमुखों के प्रशिक्षण के लिए एक और समझौता किया गया है. स्कूल प्रमुखों का अगला बैच 19 से 28 जून 2022 तक कैम्ब्रिज का दौरा करने वाला है.

Deputy CM Manish Sisodia
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया

10 दिवसीय कार्यक्रम को जज बिजनेस स्कूल द्वारा किया जाता है आयोजित

‘इंस्पायरिंग लीडरशिप इंप्रूविंग परफॉर्मेंस’ नाम के इस 10 दिवसीय प्रोग्राम को कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के ‘जज बिजनेस स्कूल’ द्वारा आयोजित किया जाता है. जहां दिल्ली सरकार के स्कूलों के प्रमुखों को प्रभावी नेतृत्व, टाइम मैनेजमेंट, करिकुलम इनोवशन जैसे विषयों में प्रशिक्षित किया जाता है. मनीष सिसोदिया ने स्कूल लीडरशिप, करिकुलम डेवलपमेंट के क्षेत्रों में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय और दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय के बीच जॉइंट सर्टिफिकेशन कोर्स तैयार करने के विचार पर भी चर्चा की. उपमुख्यमंत्री ने कैम्ब्रिज में चेस्टरटन कम्युनिटी कॉलेज का दौरा भी किया. यह उन स्कूलों में से एक है, जहां लीडरशिप की चुनौतियों को समझने के लिए दिल्ली सरकार के स्कूलों के प्रमुख अपने प्रशिक्षण के हिस्से के रूप में जाते हैं.

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मनीष सिसोदिया ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी की तारीफ की

कैम्ब्रिज में फैकल्टी के साथ बैठक के दौरान दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली की शिक्षा क्रांति में कैंब्रिज यूनिवर्सिटी ने हमारे स्कूल लीडर्स को तैयार कर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. हमारे स्कूल प्रमुखों को कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से मिली ट्रेनिंग की बदौलत सरकारी स्कूलों में आज सकारात्मक माहौल तैयार करने और बेहतर एडमिनिस्ट्रेटिव प्रैक्टिसेज को लागू करने में मदद मिली है. अपने दौरे के दौरान उपमुख्यमंत्री ने यूनिवर्सिटी फैकल्टी को विश्व चर्चित हैप्पीनेस, देशभक्ति और एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम के बारे में भी बताया. इसका लक्ष्य छात्रों को मेंटल-इमोशनल तौर पर बेहतर बनाना, उन्हें बेहतर इंसान बनाना, जागरूक नागरिक बनाना, खुश रहना सिखाना और एंत्रप्रेन्योरशिप सोच विकसित करना है.

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एजुकेशन वर्ल्ड फोरम 2022 का आयोजन

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इससे पहले सोमवार को लंदन में आयोजित हो रहे एजुकेशन वर्ल्ड फोरम-2022 में दुनियाभर के 122 शिक्षा मंत्रियों और एक्सपर्ट्स के सामने दिल्ली की शिक्षा में हुए बदलाव की बात साझा की. मनीष सिसोदिया ने अपने अभिभाषण में बताया कि कैसे सरकार ने शिक्षा को प्राथमिकता बनाकर लोगों का सरकारी एजुकेशन सिस्टम के प्रति भरोसा बढ़ाया. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली में शिक्षा में आए बदलावों के बारे में साझा करते हुए कहा कि 2015 में जब आम आदमी पार्टी सरकार में आई, तब दिल्ली के सरकारी स्कूलों की हालत जर्जर थी और यहां बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी थी. तब पेरेंट्स मजबूरी में अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ने भेजा करते थे, लेकिन जिस किसी के पास भी थोड़े संसाधन थे, वो पेरेंट्स अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में ही भेजते थे. हमने इस परिदृश्य को बदलने का काम किया.

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अपने कुल बजट का लगभग 25 फीसदी शिक्षा को दिया- मनीष सिसोदिया

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि 2015 में सरकार में आते ही दिल्ली सरकार ने हर साल अपने कुल बजट का लगभग 25 फीसदी शिक्षा को दिया है. स्कूल प्रमुखों की वित्तीय और प्रशासनिक शक्तियां बढ़ाईं. इन सबकी बदौलत यहां 12वीं का रिजल्ट लगभग 100 फीसदी है. हर साल सैकड़ों की संख्या में केजरीवाल सरकार के स्कूलों के बच्चों को भारत के टॉप संस्थानों में एडमिशन मिल रहा है.