जयपुर. खान एवं भूविज्ञान विभाग के प्रमुख शासन सचिव टी. रविकान्त ने बताया है कि राज्य में 31 एम-सेण्ड इकाइयों की स्थापना के लिए 10 जनवरी से ई-नीलामी प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है. भारत सरकार के ई-पोर्टल पर 28 जनवरी से 6 फरवरी तक नीलामी कार्यक्रम के अनुसार बोली लगाई जा सकती है.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री एवं खान मंत्री भजन लाल शर्मा द्वारा 4 दिसंबर को नई खनिज नीति और नई एम-सेण्ड नीति जारी करने के साथ ही 3 जनवरी, 25 को दोनों ही नीतियों के अनुसार संशोधित नियम जारी होते ही विभाग एक्शन मोड पर आते हुए एक सप्ताह में ही 31 एम-सेण्ड इकाइयों की स्थापना के लिए निविदा सूचना जारी कर दी. इसके साथ ही प्रदेश में माइनिंग सेक्टर में नया निवेश और रोजगार के अवसर विकसित हो सकेंगे.
श्री टी. रविकान्त ने बताया कि नई नीति में एम-सेण्ड इकाइयों को उद्योग का दर्जा देने के साथ ही राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना में विशेष रियायतों दी गई है. नई एम-सेण्ड नीति में आम नागरिकों को बजरी के विकल्प के रुप में सस्ती एवं सहज उपलब्धता, नदियों से बजरी की आपूर्ति पर निर्भरता कम करते हुए पारिस्थितिकीय तंत्र में सुधार, खनन क्षेत्र के ओवर बर्डन का बेहतर उपयोग, भवनों और कंक्रिट ढांचे के मलबे को रिसाईकलिंग के साथ ही एम-सेण्ड उद्योग को बढ़ावा व रोजगार के अवसर विकसित करना है. नई नीति में एम-सेण्ड इकाई की स्थापना की पात्रता में रियायत देते हुए 3 साल के अनुभव व 3 करोड़ के टर्न ऑवर की बाध्यता समाप्त कर दी गई है. इसी तरह से ऑवरबर्डन पर देय रॉयल्टी को कम किया गया है वहीं नीलामी के समय एम-सेण्ड यूनिट के लिए दो प्लाट रखने के स्थान पर 5 प्लाट आरक्षित कर आवंटित किया जाएगा. इसके साथ ही ओवर बर्डन पर देय डीएमएफटी की राशि में छूट, एम-सेण्ड के निर्माण में प्रयुक्त ओवर बर्डन पर देय रॉयल्टी को कम करने, सरकारी और सरकार से वित पोषित निर्माण कार्यों में बजरी की मांग के आपूर्ति में 50 प्रतिशत एम-सेण्ड के उपयोग की अनिवार्यता तय की गई है ताकि प्रदेश में बजरी के विकल्प के रुप में सरकारी निर्माण कार्यों में एम-सेण्ड के उपयोग को बढ़ावा देना है.
निदेशक माइंस भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि 15 जिलों में 31 एम-सैण्ड प्लॉटों की ई-नीलामी के लिए भारत सरकार के ई पोर्टल पर 10 जनवरी को निविदा सूचना जारी कर दी गई है. विस्तृत सूचना विभागीय वेबसाइट पर भी उपलब्ध है.