रायपुर- पंचायतों के सशक्तिकरण और विभागीय योजनाओं को लागू करने में सूचना और संचार तकनीक के प्रभावी उपयोग के लिए छत्तीसगढ़ का चयन भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय ने ई पंचायत पुरस्कार के लिए किया है. आईसीटी के इस्तेमाल में प्रदेश को पूरे देश में दूसरा स्थान मिला है.
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में ग्राम पंचायतों की नेटवर्किंग योजनाओं को लागू करने और उनकी मॉनिटरिंग में कंप्यूटर तथा सूचना और संचार तकनीक का सफलतापूर्वक उपयोग किया जा रहा है. पंचायत विभाग के कार्यों में पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही लाने के लिए इन तकनीकों का व्यापक इस्तेमाल किया जा रहा है. केंद्र सरकार के पंचायती राज मंत्रालय में आईसीटी के द्वारा ग्रामीण अंचलों में स्थानीय स्वशासन को मजबूत करने के छत्तीसगढ़ शासन की कोशिशों की भरपूर सराहना की है.
इसलिए मिला छत्तीसगढ़ को पुरस्कार
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में ई पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायतों की मूलभूत सेवाओं और कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए 11 कोर एप्लीकेशन का उपयोग किया जा रहा है. इसी के तहत सभी ग्राम पंचायतों को एक यूनिट एलजीडी कोड प्रदान किया गया है तथा 100% ग्राम पंचायतों की मैपिंग एलजीडी पोर्टल में की गई है. चालू वित्तीय वर्ष के लिए प्रदेश के सभी 11664 ग्राम पंचायतों के ग्राम विकास योजना की एंट्री प्लान प्लस सॉफ्टवेयर में की गई है. इसी तरह प्रिया सॉफ्ट के अंतर्गत ग्राम पंचायतों के वर्ष 2018-19 का कैशबुक बंद करने का काम भी निर्धारित समय अवधि में विभाग में सफलतापूर्वक किया है. एक्शन सॉफ्टवेयर की मदद से 14वें वित्त आयोग की राशि में पंचायत में कराए गए कार्यों की जियो टैगिंग की गई है. इसके लिए 98 फीसदी पंचायतों को आन बोर्ड कर 70951 कार्यों का जियो टैगिंग फोटो अपलोड किया गया है.
पंचायत संचालनालय द्वारा जारी सूचनाओं और निर्देशों को पंचायतें देख सकें,इसके लिए वेबसाइट भी बनाई गई है. वेबसाइट के जरिए गांव का कोई भी आदमी अपनी पंचायत द्वारा किए गए कार्यों को देख सकता है. विभाग द्वारा नवाचार गतिविधियों के रूप में नोटिस बोर्ड मोबाइल ऐप का निर्माण किया गया है, जिसमें प्रत्येक स्तर की पंचायतों द्वारा अपलोड सूचना कभी भी कहीं से भी देखी जा सकती है. पंचायतों का लेखा ऑनलाइन पीएफएमएस के माध्यम से करने के लिए विश्व बैंक द्वारा प्रोजेक्ट अनुमोदित है . जनप्रतिनिधियों को शासन की योजनाओं की जानकारी तत्काल उपलब्ध कराने हेतु 27 जिले के जनप्रतिनिधियों का व्हाट्सएप में ग्रुप बनाया गया है,जिसमें लगभग 5000 जनप्रतिनिधियों को सीधे सूचना भेजी जा रही है. पंचायत संचालनालय की समस्त योजना की जानकारी गूगल सीट के माध्यम से ऑनलाइन ली जा रही है. पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंह देव के मार्गदर्शन प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी और संचालक एस प्रकाश की मॉनिटरिंग और विभागीय अमले की लगातार कोशिशों से विभाग ने यह उपलब्धि हासिल की है.