रोहित कश्यप, मुंगेली। जिले में सड़कों पर आवारा मवेशियों की बढ़ती संख्या और उससे होने वाली दुर्घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए ‘गौ सेवा संकल्प अभियान’ की शुरुआत की गई है. कलेक्टर कुन्दन कुमार के निर्देश और जिला पंचायत सीईओ प्रभाकर पांडेय के मार्गदर्शन में शुरू किया गया यह अभियान जनहित, पशु सुरक्षा और सह-अस्तित्व की भावना को सशक्त करने की दिशा में एक ठोस कदम है.
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6 अगस्त से 8 अगस्त तक जिला पंचायत सभाकक्ष में गौ सेवा संकल्प अभियान की तीन दिवसीय कार्यशाला आयोजित की जाएगी. कार्यशाला दो पालियों में सुबह 11 से दोपहर 1 बजे और दोपहर 3 से शाम 5 बजे तक चलेगी. इसमें लगभग 1000 प्रतिभागी शामिल होंगे जिन्हें बेसहारा पशुओं के प्रबंधन और देखरेख संबंधी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा.

ईयर टैगिंग और रेडियम बेल्ट तकनीक से जुड़ा समाधान
पशु चिकित्सा विभाग के उपसंचालक डॉ. आर.एम. त्रिपाठी के अनुसार, अब तक जिले के अधिकांश मवेशियों की ईयर टैगिंग की जा चुकी है, जिससे उनके मालिकों की पहचान हो सकेगी. यदि कोई पशु मालिक मवेशियों को खुला छोड़ेगा, तो उसके खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी.
रात्रिकालीन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पशुओं के गले में रेडियम बेल्ट पहनाए जा रहे हैं और कुछ को रेडियम पेंट से चिन्हित किया गया है, जिससे वाहन चालकों को दूर से ही मवेशियों की उपस्थिति का संकेत मिल सके.

गौ सेवा संकल्प सेल का गठन
जिले में अभियान की निगरानी और संचालन के लिए गौ सेवा संकल्प सेल का गठन किया गया है. कलेक्टर ने उप संचालक पंचायत भूमिका देसाई को जिला स्तरीय नोडल अधिकारी तथा डॉ. आर.एम. त्रिपाठी को सहायक नोडल अधिकारी नियुक्त किया है.
तीनों अनुविभागों—लोरमी, मुंगेली, और पथरिया—में एसडीएम को नोडल अधिकारी बनाया गया है. इनका कार्य प्रमुख मार्गों पर बेसहारा मवेशियों की पहचान कर उनका पुनर्वास सुनिश्चित करना है. अधिकारियों को नियमित निरीक्षण एवं समीक्षा रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए गए हैं.
जनसहयोग से बनेगा अभियान सफल
प्रशासन ने इस अभियान में जनभागीदारी को विशेष महत्व दिया है. आम नागरिकों को गौ सेवा, संरक्षण और सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जा रहा है ताकि समाज में पशु कल्याण की भावना मजबूत हो और सड़कों पर दुर्घटनाओं से बचाव सुनिश्चित हो सके.
दरअसल, गौ सेवा संकल्प अभियान केवल एक प्रशासनिक योजना नहीं, बल्कि समाज और शासन के बीच सहभागिता का ऐसा मॉडल है, जो आने वाले समय में अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणास्रोत बन सकता है.
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