Farming Idea News: देशभर में कई किसान अब गेहूं, धान, मक्का, दलहन और तिलहन के बजाय नकदी फसलों की खेती करना पसंद करते हैं. भारत में मसालों में मिर्च का विशेष महत्व है. उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और ओडिशा समेत देश के कई राज्यों में मिर्च की अच्छी पैदावार होती है, जिससे किसान लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं. मिर्च की खेती के लिए उपजाऊ भूमि और अच्छी जल निकासी व्यवस्था का होना आवश्यक है. इस कारण इन क्षेत्रों में मिर्च की अच्छी पैदावार होती है.

कई किसान आधुनिक तरीके से मिर्च की खेती कर रहे हैं, जिससे उन्हें 5 एकड़ की खेती से सालाना ₹40 लाख तक की कमाई हो रही है. मध्य प्रदेश के बड़वानी के किसान विजय चोयल 5 एकड़ जमीन में हरी मिर्च की खेती कर साल में 40 लाख रुपये कमा रहे हैं. विजय रासायनिक खाद और कीटनाशकों के इस्तेमाल के बजाय जैविक खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. विजय कहते हैं कि रासायनिक खाद के कारण फसल बर्बाद हो रही थी, लेकिन पिछले 3 साल से उन्होंने जैविक खेती करनी शुरू की. 5 एकड़ में हरी मिर्च की खेती ने उनकी जिंदगी बदल दी.

मौसम की जानकारी लेते हुए विजय उसी के हिसाब से खेती का नया नुस्खा लेकर आए हैं. विजय का कहना है कि अगर मौसम साथ देता है तो उसकी कमाई लागत से 3-4 गुना ज्यादा होती है. 2 महीने में ₹300000 मिर्च की खेती में लगाने के बाद विजय ने दो लाख की हरी मिर्च बेची है. विजय को उम्मीद है कि इस साल भी वह मिर्च की खेती से 40 लाख रुपए कमा सकते हैं.

उत्तर प्रदेश के हरदोई के किसान कमल किशोर की कहानी भी कुछ अलग नहीं है. हरदोई से सटा जिला सीतापुर मिर्च उत्पादन में अग्रणी है. कमल किशोर ने भी पूसा सदाबहार मिर्च के बीज से खेती शुरू की. इसमें 9 से 10 सेंटीमीटर लंबी और बेहद तीखी मिर्च पैदा होती थी. प्रति एकड़ लगभग 35 क्विंटल हरी मिर्च की उपज से लगभग 8 क्विंटल सूखी मिर्च प्राप्त होती थी.

कमल किशोर कई सालों से मिर्च की खेती कर रहे हैं. वे समय-समय पर उद्यानिकी विभाग द्वारा कीट रोकथाम, उत्तम बीजों का चयन, खरपतवार नियंत्रण एवं उर्वरकों के संबंध में जानकारी लेते रहते हैं. इसके साथ ही वह कृषि विभाग द्वारा समय-समय पर अपनी मिट्टी के पीएच स्तर की जांच भी करवाते हैं.

कमल किशोर खेत तैयार करने के लिए तीन से चार बार जोतते हैं. बीज बोने से 20 दिन पहले खाद डाली जाती है. खेत तैयार करने के साथ-साथ 60 सेंटीमीटर की दूरी पर मेड़ें तैयार कर ली जाती हैं. बीज के अंकुरण तक पौधे को पॉलीथिन से ढक दिया जाता है. पौधों के निकलने के बाद उन्हें हानिकारक कीड़ों से बचाने के लिए जरूरी दवा का छिड़काव करते रहते हैं. कमल किशोर ने बताया कि 70 दिन में तैयार होने वाली मिर्च की फसल की लागत 20 हजार रुपए है, जबकि प्रति एकड़ कमाई करीब दो लाख रुपए है.