हाल ही में बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा है कि सिर्फ इसलिए कि पत्नी कमाती है, उसे पति से भरण-पोषण (Maintenance) नहीं मिलेगा। यह सोच न्यायसंगत नहीं है। अदालत ने कहा कि विवाह के दौरान जिस जीवनशैली की आदत पत्नी को थी, उससे उसे वंचित नहीं किया जा सकता, भले ही उसकी खुद की आय हो। यह मामला मुंबई के बांद्रा फैमिली कोर्ट के एक आदेश से जुड़ा है, जिसमें 2023 को एक पति को आदेश दिया गया कि वह अपनी पत्नी को हर महीने 15,000 रूपये की भरण-पोषण राशि दे। इस फैसले को पति ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

Asaram Bail: दुष्कर्म मामले में आसाराम को गुजरात HC से मिली राहत, सात जुलाई तक बढ़ाई गई अस्थायी जमानत

हाईकोर्ट की साफ टिप्पणी

न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की सिंगल बेंच ने कहा, “केवल यह तथ्य कि पत्नी कमाई कर रही है, उसे पति की ओर से उचित भरण-पोषण से वंचित नहीं करता, खासकर जब उसकी आय स्वयं के खर्च के लिए भी पर्याप्त नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा कि पत्नी एक कॉन्वेंट स्कूल में सहायक शिक्षिका के रूप में काम कर रही है और 18,000 रुपये प्रति माह कमाती है, जबकि पति की आय 1 लाख रुपये से अधिक है।

कैंसर पीड़ित दादी को कूड़े में फेंककर भागने का मामला : पोता गिरफ्तार, नागपुर के अस्पताल ने की फ्री इलाज की पेशकश

पति पर आय छुपाने का आरोप

अदालत ने पाया कि पति ने अपनी वास्तविक आय छुपाई थी। उसने अपनी संपत्ति और देनदारियों के बारे में पूरा विवरण नहीं दिया। इसके अलावा, पति पर कोई प्रमुख वित्तीय जिम्मेदारियां नहीं थीं, जबकि पत्नी को अपनी कम कमाई के चलते भाई के घर में माता-पिता के साथ रहना पड़ रहा था। कोर्ट ने कहा, “पत्नी की कमाई इतनी कम है कि वह स्वतंत्र रूप से जीवनयापन नहीं कर सकती। उसे मजबूरी में भाई के घर रहना पड़ रहा है, जो खुद उसके और उसके परिवार के लिए असुविधाजनक स्थिति है।”

यह फैसला उन मामलों के लिए एक न्यायिक मिसाल बनता है, जहां पत्नियों की मामूली कमाई को आधार बनाकर उन्हें भरण-पोषण से वंचित करने की कोशिश की जाती है।

राजा रघुवंशी मर्डर : आरोपियों के बैग से पिस्टल, कारतूस और 50 हजार रुपये कैश मिले

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m