रायपुर। आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर भारत निर्वाचन आयोग के उप आयुक्त उमेश सिन्हा छत्तीसगढ़ के दौरे पर हैं. उप आयुक्त ने कलेक्टर, संभागायुक्त, आईजी एसपी सहित राज्य के मुख्यसचिव, सचिव सहित आला अधिकारियों और राजनैतिक दलों के साथ अलग-अलग तीन दौर की मैराथन बैठक ली.

इस बैठक में उन अधिकारियों को एक आखिरी मौका दिया गया है जिनकी परफॉर्मेंस रिपोर्ट मुख्य निर्वाचन अधिकारी की रिपोर्ट में अच्छी नहीं है. आयोग ने उन अधिकारियों को भी एक मौका दिया है जो आयोग की परीक्षा में फेल हो गए थे. अगर इस बार भी उनका रिज़ल्ट ठीक नहीं रहता है. तो उन्हें चुनावी प्रक्रिया से बाहर रखा जाएगा. सरकार द्वारा शराब बेचने के मसले पर उमेश सिन्हा ने कहा कि जिन राज्यों में सरकार अपने पीएसयूज़ के ज़रिए शराब बेच रही है वहां के लिए आयोग का प्रोटोकॉल है. ठोस योजना के जरिए इसे नियत्रिंत किया जाता है. सिन्हा ने बताया कि चुनाव के दौरान शराब की बिक्री ऑब्ज़र्बर के ज़रिए मॉनिटर की जाएगी. उन्होंने कहा कि शराब की खरीद फरोख्त पर चुनाव सख्ती से मॉनिटरिंग की जाएगी.

उन्होंने बताया कि चुनाव के ऐन वक्त पहले सोशल मीडिया से दुष्प्रचार करके चुनाव को प्रभावित होने से रोकने के लिए आयोग ने कमेटी बनाई है. इसकी रिपोर्ट जल्द ही आयोग को मिल जाएगी.

उपायुक्त ने बताया कि बैठक में अधिकारियों को निष्पक्ष चुनाव को लेकर दिशा निर्देश दिया गया है. जिसके अनुसार कालेज में छात्र-छात्राओं का नाम जोड़ने अभियान चलाया जाए. अधिक से अधिक मॉडल मतदान बनाए जाने का निर्देश दिया गया है. सभी मतदान केन्द्रों में बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए रैम्प बनाने की व्यवस्था की जाए. सुगम और निष्पक्ष चुनाव कराने के अधिकारियों को निर्देश दिए गए. पोलिंग बूथ को सुविधा जनक बनाया जाए. 21 अगस्त तक ऑनलाइन मतदाता सूची में नाम जुड़वाने की सुविधा दी गई है.

आयोग ने अधिकारियों से अपने-अपने क्षेत्र के लिए विस्तृत चुनावी व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था बनाने के लिए निर्देश दिए गए हैं. चुनाव में भागीदारी बढ़ाने के लिए आयोग ने आवश्यक निर्देश दिए हैं. आयोग ने जिलाधिकारियों को चुनावी जागरुकता बढ़ाने के लिए हर हफ्ते मीडिया से बात करने को कहा है. इसके अलावा जिन इलाकों में कम वोटिंग होती है. वहां विशेष रुप से ध्यान करने के निर्देश दिए गए हैं. आयोग ने नक्सल प्रभावित इलाकों में वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए समुदाय की भागीदारी के साथ जागरुकता के कार्यक्रम चलाने के निर्देश दिए. मतदाता सूची में नाम दुरुस्त करने के लिए इन इलाकों में कैंप करके लोगों को पढ़कर सुनाने को कहा गया है.

चुनाव प्रचार के लिए राजनीतिक पार्टियों को अनुमति लेने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए सिंगल विंडो बनाया जाएगा. जिसमें पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर कैंपेन के लिए जगह अलॉट करेगी.

छत्तीसगढ़ के सभी 27 जिलों की 150 तहसीलों में 23632 मतदान केन्द्र हैं. जिसमें शहरी इलाकों में 4392 और ग्रामीण इलाके में 19240 है. प्रदेश की वर्तमान आबादी  2 करोड़ 95 लाख 38 हजार 783 है जिसमें 1 करोड़ 81 लाख 79 हजार 435 मतदाता है. जिसमें पुरुष मतदाता कि संख्या 91 लाख 46 हजार 099, महिला मतदाताओं की संख्या 90 लाख 32 हजार 505 और थर्ड जेंडर 831 हैं. वहीं 11947 सर्विस वोटर हैं.

मतदाता सूची का प्रारंभिक प्रकाशन 31 जुलाई 2018, 31 जुलाई से 21 अगस्त 2018 तक दावा आपत्ति की जा सकती है. अंतिम प्रकाशन 27 सितंबर 2018 और सर्विस वोटर हेतु पुनः पुनरीक्षण प्रारंभ किए जाने की तिथि 10 अगस्त 2018.

मतदाता सूची में 99.74 प्रतिशत फोटो और Epic percentage 98.69 प्रतिशत है. प्रदेश में कुल 23632 BLO कार्य कर रहे हैं. कुल 1 लाख 18 हजार 660 मतदान कर्मी मतदान संपन्न कराएंगे.

चुनाव में ECIL- M3 की ईवीएम और VVPATs मशीनों का उपयोग किया जाएगा. वर्तमान में प्रदेश को 35 हजार 150 बैलेट यूनिट और 29 हजार 300 कंट्रोल यूनिट दिया गया है. VVPAT का प्रदर्शन आम जनता के लिए प्रत्येक मतदान केन्द्र, ग्राम, हाट-बाजार, सिनेमा हॉल, मोबाइल वैन के माध्यम से किए जाने की योजना है.