रायपुर. कुछ समय पहले तक गांव की महिलाएं गरीबी से जूझते हुए अपना परिवार चला रही थीं. लेकिन शासकीय पहल के बाद अब गांव की महिलाएं गौठान के गोबर से आकर्षक Eco-Friendly दियें बना रही है.

महिलाओं की इस अनोखी कलाकारी के जरिए वे आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रही हैं.इसके अलावा वे गोबर के स्वास्तिक चिन्ह, गणेश की मूर्ति आदि का निर्मांण कर रही हैं. जो काफी आकर्षक और मनमोहक है. इन दियों की मदद से न केवल अपना घर रौशन कर सकते है, बल्कि दोस्तों और फैमली फ्रैंड्स को भी गिफ्ट कर सकते है.

मिठाईयां बनाते हुए स्व सहायता समूह की महिलाएं. इन्हीं ने बनाए दिये भी

गाय के गोबर में मिलाते हैं गोंद

महिलाओं ने बताया कि करीब ढ़ाई किलो गोबर के पाउडर में एक किलो प्रीमिक्स व गोंद मिलाते हैं. गीली मिट्टी की तरह सानने के बाद इसे हाथ से खूबसूरत आकार दिया जाता है. इसके बाद इसे दो दिनों तक धूप में सुखाने के बाद अगल-अलग रंगों से सजाया जाता है. दिए इको फ्रेंडली होने के चलते राज्य के अन्य शहरों और अन्य राज्यों से भी इसकी मांग आ रही है. इसके अलावा यहां महिलाएं बचे हुए गोबर चूर्ण और पत्तियों से ऑर्गेनिक खाद भी बना रही हैं.

दोस्तों को गिफ्ट करने आकर्षक पैकेट

Lalluram.Com भी कर रहा इन महिलाओं की मदद

राजधानी के आस-पास इलाकों में बने गौठान के गोबर से इन इको फ्रेंडली दियें से आपके घरों से साथ इनके घर भी रौशन हो इसलिए Lalluram.Com भी सामने आया है. जिला पंचायत रायपुर की मदद से सैकड़ों दियों के पैकेट्स लल्लूराम डॉट कॉम के शंकर नगर स्थित दफ्तर में भी मौजूद है, जिसे कोई भी खरीद इसे बनाने वाली महिला स्व सहायता समूह की मदद कर सकते है.

ये है लल्लूराम के दफ्तर का पता

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