Economic Survey: बड़े शहरों में भले ही बड़ी संख्या में प्राईवेट स्कूल (Private School) खुल गए हों लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी स्कूलों (Government School) की तरफ लोगों का भरोसा बढ़ रहा है. देश के 70 प्रतिशत स्कूल आज भी सरकारी हैं जिनमें कुल छात्रों में 50 फीसदी शिक्षा ग्रहण करते हैं. आर्थिक सर्वेक्षण (2024-25) के आंकड़ो के अनुसार, हाल के वर्षों में बच्चों के ड्रॉपआउट (स्कूल छोड़ने) की दर में लगातार कमी आई है.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के आंकड़े जारी किए. आंकड़ो के अनुसार देश में 69% विद्यालय सरकारी हैं, जिनमें 50% विद्यार्थी नामांकित हैं और 51% शिक्षक कार्यरत हैं. स्कूली शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत देश के 14.72 लाख स्कूलों में 98 लाख शिक्षक 24.8 करोड़ छात्रों को शिक्षा प्रदान करते हैं. आंकड़ों में बताया गया है कि 69 प्रतिशत विद्यालय सरकारी हैं, जिनमें 50 प्रतिशत विद्यार्थी नामांकित हैं और 51 प्रतिशत शिक्षक कार्यरत हैं। वहीं, 22.5 प्रतिशत निजी विद्यालयों में 32.6 प्रतिशत छात्र नामांकित हैं जहां 38 प्रतिशत शिक्षक कार्यरत हैं.

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सर्वेक्षण में इस बात को रेखांकित किया गया है कि भारत की स्कूल शिक्षा प्रणाली 14.72 लाख विद्यालयों में 98 लाख शिक्षकों के साथ 24.8 करोड़ छात्रों को शिक्षा प्रदान करती है. सरकारी विद्यालयों में कुल 50 प्रतिशत छात्र हैं और 51 प्रतिशत शिक्षक कार्यरत हैं, जबकि निजी विद्यालयों में 32.6 प्रतिशत विद्यार्थी और 38 प्रतिशत शिक्षक कार्यरत हैं.

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इसमें कहा गया है कि कि हाल के वर्षों में स्कूली शिक्षा अधूरी छोड़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या में लगातार गिरावट आई है। प्राथमिक स्तर पर यह दर 1.9 प्रतिशत, उच्च प्राथमिक स्तर पर 5.2 प्रतिशत तथा माध्यमिक स्तर पर 14.1 प्रतिशत है।

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समीक्षा में बताया गया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 का लक्ष्य 2030 तक स्कूलों में छात्रों का 100 प्रतिशत सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) हासिल करना है. रिपोर्ट में बताया गया है कि प्राथमिक स्‍तर पर 93 प्रतिशत जीईआर है. माध्‍यमिक स्‍तर पर यह अनुपात 77.4 प्रतिशत एवं उच्‍चतर माध्‍यमिक स्‍तर पर 56.2 प्रतिशत है. इस अंतर को पाटने के प्रयास जारी हैं.

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जारी आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, सरकार समग्र शिक्षा अभियान और इसके तहत शुरू की गई निष्ठा, विद्या प्रवेश, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट), कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) जैसी पहलों, और दीक्षा, स्‍टार्स, परख, पीएम श्री, उल्लास और पीएम पोषण जैसी कार्यक्रमों तथा योजनाओं के माध्यम से एनईपी 2020 के उद्देश्यों को प्राप्त करने का प्रयास कर रही है.

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