नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण 2025 पेश किया. बजट से एक दिन पहले पेश आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की अर्थव्यवस्था 6.3-6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी. सरकार का अनुमान अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के 6.5 प्रतिशत के अनुरूप है, लेकिन विश्व बैंक द्वारा अनुमानित 6.7 प्रतिशत से कम है.

सरकार द्वारा 7 जनवरी को जारी किए गए पहले अग्रिम अनुमानों के अनुसार, 2024-25 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 6.4 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है. यह अनुमान पिछले आर्थिक सर्वेक्षण के 6.5-7 प्रतिशत वृद्धि के अनुमान और भारतीय रिजर्व बैंक के 6.6 प्रतिशत के संशोधित अनुमान से कम था.

विनिर्माण क्षेत्र के निराशाजनक प्रदर्शन और पूंजीगत व्यय में मंदी ने दूसरी तिमाही में वृद्धि को कम कर दिया. वास्तविक जीडीपी वृद्धि Q2FY25 में लगभग दो साल के निचले स्तर 6.5 प्रतिशत पर आ गई. वर्ष की पहली छमाही में, अर्थव्यवस्था में 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई और सरकार के अनुमान तक पहुँचने के लिए दूसरी छमाही में 6.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करनी होगी.

इस सप्ताह की शुरुआत में जारी तीसरी तिमाही के लिए FMCG प्रमुखों के परिणामों ने संकेत दिया कि शहरी खपत में अभी भी उल्लेखनीय वृद्धि होनी बाकी है. यह, धीमी ऋण वृद्धि के साथ मिलकर, तिमाही में धीमी खपत की ओर इशारा करता है. वहीं जनवरी में भारत की व्यावसायिक गतिविधि 14 महीने के निचले स्तर पर आ गई, जिसमें गिरावट का प्रमुख कारण सेवाएं थीं.