Bihar News: बिहार चुनाव में करारी हार और पारिवारिक विवादों के बीच लालू परिवार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इस घमासान के बीच राजद परिवार के लिए दिल्ली से एक बड़ी खबर आई है। दरअसल लालू परिवार के बेहद करीबी कारोबारी अमित कात्याल को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया है।

500 करोड़ के फर्जीवाड़े का आरोप

ईडी ने अमित कात्याल को 500 करोड़ रुपये से ज्यादा के कथित फर्जीवाड़े और मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया है। एजेंसी का आरोप है कि कात्याल केवल एक रियल एस्टेट बिजनेसमैन नहीं था, बल्कि लंबे समय तक लालू परिवार का ‘फाइनेंशियल मैनेजर’ भी रहा है।

जानें कौन हैं अमित कात्याल?

दिल्ली के रियल एस्टेट कारोबारी अमित कात्याल का नाम Angle Infrastructure Pvt. Ltd. और AK Infosystem Pvt. Ltd. जैसी कंपनियों से जुड़ा है। जांच एजेंसी का दावा है कि इन्हीं कंपनियों के जरिए जमीन सौदे, फर्जी लेनदेन और मनी लॉन्ड्रिंग का खेल चलता था।

जमीन के बदले नौकरी से भी जुड़ा है मामला

AK Infosystem Pvt. Ltd. पहले कात्याल की कंपनी थी, लेकिन बाद में इसे लालू परिवार से जुड़े लोगों को ट्रांसफर कर दिया गया। यही कंपनी उन जमीनों की मालिक बनी, जो ‘जमीन के बदले नौकरी’ घोटाले से सीधे तौर पर जुड़ी बताई जाती हैं। इस केस में ईडी पहले ही लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, उनकी बेटियों और कात्याल को सह-आरोपी बनाकर चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।

तेजस्वी का करीबी है अमित कात्याल

जांच एजेंसी का दावा है कि अमित कात्याल, तेजस्वी यादव का बेहद भरोसेमंद व्यक्ति है। इतना ही नहीं, अमित कात्याल तेजस्वी यादव के लिए कई वित्तीय लेनदेन और प्रॉपर्टी ट्रांजैक्शन संभालने का भी काम करता था। कुछ रकम तेजस्वी यादव से जुड़े खातों में भी गई है।

कात्याल का नाम दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित उस बंगले से भी जुड़ा है, जिसकी कीमत करीब 150 करोड़ रुपए बताई जाती है। माना जाता है कि तेजस्वी यादव दिल्ली में इसी बंगले में रहते हैं। ईडी इस संपत्ति की खरीद और लेनदेन की भी जांच कर रही है।

कैसे शुरू हुई कार्रवाई?

दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने पहले एक रियल एस्टेट धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। इसके बाद ईडी ने इस केस को अपने हाथ में लेते हुए मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की। एजेंसी का आरोप है कि कात्याल ने फर्जी कंपनियां, जमीन सौदे और फर्जी लेनदेन के माध्यम से करोड़ों की रकम को सफेद बनाने में अहम भूमिका निभाई है। ईडी की इस कार्रवाई के बाद बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है, क्योंकि अमित कात्याल को लंबे समय से लालू परिवार की आर्थिक गतिविधियों का मुख्य खिलाड़ी माना जाता रहा है।

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