ED Chargesheet Against Reliance Power: एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए रिलायंस पावर लिमिटेड और उससे जुड़ी कई कंपनियों और अधिकारियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में विस्तृत चार्जशीट दाखिल कर दी है. मामला लगभग 68 करोड़ रुपये की फर्जी बैंक गारंटी से जुड़ा है, जिसे कथित तौर पर सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) का टेंडर हासिल करने के लिए इस्तेमाल किया गया था. यह चार्जशीट दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में PMLA कानून के तहत दायर की गई है.
Also Read This: Netflix-Warner Bros Deal: डील टूटी तो नेटफ्लिक्स देने होंगे $5.8 अरब, जानिए क्या है पूरी कहानी

चार्जशीट में किन लोगों के नाम आए?
ED ने इस केस में कई बड़े नामों को आरोपी बनाया है. इनमें शामिल हैं-
- रिलायंस पावर के पूर्व CFO अशोक कुमार पाल
- रिलायंस NU BESS लिमिटेड
- रोजा पावर सप्लाई कंपनी लिमिटेड
- रिलायंस ग्रुप के एग्जीक्यूटिव पुनीत नरेंद्र गर्ग
- फाइनेंस कंसल्टेंट अमर नाथ दत्ता
इसके अलावा, बायोथेन केमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड, उसके संचालक रविंदर पाल सिंह चड्ढा, और मनोज पोंगडे को भी आरोपी बनाया गया है.
इससे पहले ED अपनी पहली चार्जशीट में बिस्वाल ट्रेडलिंक प्राइवेट लिमिटेड और उसके MD पाठा सारथी बिस्वाल को नामजद कर चुकी है. आरोप है कि यह नेटवर्क कमीशन लेकर फर्जी बैंक गारंटी तैयार और जारी करता था.
Also Read This: रिटेल इन्वेस्टर्स बनाम विदेशी बिकवाली: क्या घरेलू इन्वेस्टर्स ने बाजार को बचाया? यहां है पूरी कहानी
ED ने जांच में क्या पाया?
एजेंसी के मुताबिक, रिलायंस NU BESS लिमिटेड ने SECI को जो बैंक गारंटी दी थी, वह असली नहीं थी. ED का दावा है कि कंपनी के कुछ अधिकारी यह जानते थे कि गारंटी फर्जी है, लेकिन फिर भी इसे टेंडर की प्रक्रिया में शामिल किया गया.
कैसे रचा गया फर्जीवाड़ा? (ED Chargesheet Against Reliance Power)
1. नकली SBI ईमेल ID बनाकर धोखा
SBI की तरह दिखने वाली एक फर्जी ईमेल ID तैयार की गई. उसी ID से SECI को जाली एंडोर्समेंट लेटर भेजे गए.
जब SECI अधिकारियों को शक हुआ, तब आरोपी पक्ष ने तुरंत IDBI बैंक से असली गारंटी का इंतजाम करने की कोशिश की, लेकिन यह समयसीमा खत्म होने के बाद जमा हुई, इसलिए SECI ने इसे मानने से इनकार कर दिया.
2. दूसरी नकली विदेशी बैंक गारंटी का खेल
जब रिलायंस NU BESS लिमिटेड टेंडर में L-2 बिडर के रूप में आई और टेंडर हाथ से निकलता दिखा, तो टीम ने कोलकाता स्थित SBI ब्रांच के नाम पर एक और फर्जी विदेशी बैंक गारंटी बनाने की कोशिश की.
इसके लिए एक नकली वेबसाइट s-bi.co.in बनाई गई, जो SBI की असली साइट sbi.co.in जैसी दिखती थी. इसी फर्जी डोमेन से ईमेल और दस्तावेज भेजे गए.
Also Read This: इस हफ्ते IPO की बारिश: 12 नए इश्यू खुलेंगे, 16 कंपनियां करेंगी धमाकेदार लिस्टिंग, एक क्लिक में पढ़िए सभी डिटेल्स
पैसा कहां से आया?
जांच में पता चला कि रिलायंस ग्रुप की दूसरी कंपनी रोज़ा पावर सप्लाई कंपनी लिमिटेड ने बिस्वाल ट्रेडलिंक को
“ट्रांसपोर्टेशन सर्विस” के नाम पर 6.33 करोड़ रुपये भेजे थे. ED के अनुसार, इसी रकम का उपयोग फर्जी बैंक गारंटी तैयार करने में हुआ.
एजेंसी अब तक इस पूरी जांच में लगभग 1000 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच कर चुकी है. जांच के दौरान लगभग 5.15 करोड़ रुपये की ठगी के प्रमाण भी मिले हैं.
इस केस में, पाठा सारथी बिस्वाल, अशोक कुमार पाल, अमर नाथ दत्ता को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. तीनों वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं.
रिलायंस पावर का बयान
कंपनी ने स्टॉक मार्केट को भेजे बयान में कहा है कि, कंपनी और उसके कर्मचारी पूरी तरह निर्दोष हैं. यह पूरा मामला किसी थर्ड पार्टी द्वारा रचा गया फ्रॉड है. ED की जांच उसी FIR पर आधारित है, जो रिलायंस पावर ने खुद दर्ज कराई थी. अब तक ED के आरोपों की कानूनी पुष्टि नहीं हुई है. यह पूरा मामला दिल्ली पुलिस की नवंबर 2024 में दर्ज FIR से शुरू हुआ था.
Also Read This: Advance Tax Deadline: इसे मिस न करें, वरना रिटर्न फाइल करते वक्त लग सकता है बड़ा झटका, जानिए डिटेल्स
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें


