चेन्नई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भ्रष्टाचार के मामलों में लोगों को पकड़ती है, लेकिन तमिलनाडु में मामला उल्टा हो गया. एक मामले में फंसे सरकारी कर्मचारी से रिश्वत लेने के मामले में ईडी के अधिकारी को 20 लाख रुपए रिश्वत की रकम के साथ गिरफ्तार किया गया है. ईडी अधिकारी ने सरकारी कर्मचारी से मामले को रफा-दफा करने के लिए तीन करोड़ रुपए की मांग की थी, जो मोल-भाव के बाद 51 लाख रुपए पर जाकर सेटल हुआ था.

तमिलनाडु पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद ईडी अधिकारी की लगातार निगरानी की, यही नहीं कार से 8 किलोमीटर तक पीछा किया. तब कहीं जाकर अधिकारी को घूस लेते हुए पकड़ा जा सका. गिरफ्तार अधिकारी की पहचान मदुरै प्रवर्तन विभाग कार्यालय में कार्यरत अंकित तिवारी के रूप में की गई है. उसने सरकारी कर्मचारी से रिश्वत में 3 करोड़ रुपये मांगे थे, लेकिन बात 51 लाख रुपये में बनी. इस 51 लाख की रिश्वत की दूसरी किश्त 20 लाख रुपए की डीलिंग होते समय कार्रवाई हुई है.

दे चुका था पहली किश्त

सरकारी कर्मचारी ने पिछले महीने 20 लाख रुपए दिए थे. ईडी के अधिकारियों ने लंबित किश्तों की मांग शुरू कर दी. उन्हें फोन आया कि उन्हें 20 लाख रुपये की व्यवस्था करनी है, और इसे डिंडीगुल-मदुरै राष्ट्रीय राजमार्ग के बाईपास रोड पर खड़ी कार के बूट पर रखना है, जब वह सुबह लगभग 6 बजे टहलने गए थे. बाबू ने ब्रीफकेस को बूट में रखने के बाद मौके का इंतजार कर रहे अधिकारियों ने कार को रोकने की कोशिश की, लेकिन उन्हें ज्यादा सफलता नहीं मिली.

टोल गेट पर रुकते ही पकड़ा

इसके बाद उन्होंने कार का अपने वाहन से पीछा करते हुए आगे टोल गेट को सूचित किया. जब कार टोल गेट के पास पहुंची तो अधिकारी मौके पर पहुंचे और कार को घेर लिया. रहने वाले की पहचान अंकित तिवारी के रूप में हुई, जो मदुरै कार्यालय से जुड़े ईडी अधिकारी थे. पुलिस ने कार से 20 लाख रुपये बरामद किए हैं. उन्हें डिंडीगुल डीवीएसी कार्यालय ले जाया गया और पूछताछ की गई. इसके बाद उन्हें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सुबह 10.30 बजे गिरफ्तार किया गया.