ED questions Rana Kapoor: प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने सोमवार को यस बैंक के सह-संस्थापक (को-फाउंडर) राणा कपूर से लंबी पूछताछ की. यह पूछताछ अनिल अंबानी समूह की कंपनियों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की गई. राणा कपूर का बयान मनी लॉन्ड्रिंग रोकने वाले कानून PMLA के तहत दर्ज किया गया है.
सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसी को शक है कि करीब 11 हजार करोड़ रुपये का पब्लिक मनी यानी आम लोगों का पैसा गलत तरीके से अनिल अंबानी की कंपनियों तक पहुंचाया गया. ED का दावा है कि इस पूरे लेनदेन में यस बैंक को बीच का रास्ता बनाया गया.
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क्या है पूरा मामला
ED इस बात की जांच कर रही है कि आम लोगों का पैसा, जो म्यूचुअल फंड के जरिए निवेश किया गया था, वह नियमों को तोड़कर अनिल अंबानी समूह की कंपनियों में पहुंचाया गया या नहीं. इसी सिलसिले में राणा कपूर से सवाल-जवाब किए गए हैं.
इस केस में इससे पहले भी ED अनिल अंबानी से जुड़ी कई संपत्तियों को जब्त या अटैच कर चुकी है. अब जांच का दायरा और बढ़ाया जा रहा है.
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सवाल 1: कहां से आएं और कहां गए
जांच एजेंसी की रिपोर्ट्स की मुताबिक, यसबैंक अम्बानी ग्रुप की दो कंपनियों में लगाई गई थी बड़ी रकम. रिलायंस होम फाइनेंस में तकरीबन 2,965 करोड़ रूपये और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस में करीब 2,045 करोड़ रूपये
ये पैसा यस बैंक को रिलायंस निप्पॉन म्यूचुअल से मिला था फंड, जो सीधे सीधे पब्लिक का पैसा था
ED का कहना है कि सेबी के नियमों के मुताबिक म्यूचुअल फंड सीधे अंबानी समूह की इन कंपनियों में निवेश नहीं कर सकता था. इसी वजह से पैसा पहले म्यूचुअल फंड से यस बैंक पहुंचा और फिर वहां से अंबानी समूह की कंपनियों को दे दिया गया.
दिसंबर 2019 तक ये सभी निवेश डूब गए और NPA यानी खराब कर्ज बन गए. जांच एजेंसी को शक है कि इस तरह करीब 11 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के पब्लिक फंड का गलत इस्तेमाल हुआ.
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सवाल 2: ED की जांच में अब तक क्या सामने आया
ED का मानना है कि यह पूरा मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा हो सकता है, क्योंकि आम लोगों का पैसा नियमों को दरकिनार करके इधर-उधर किया गया. एजेंसी इस बात की भी जांच कर रही है कि यस बैंक और अनिल अंबानी समूह के बीच क्या कोई खास समझौता या आपसी तालमेल था.
इसी कड़ी में राणा कपूर से पूछताछ की गई, ताकि यह समझा जा सके कि पैसा किसके कहने पर और किन शर्तों पर ट्रांसफर किया गया. ED को शक है कि इसमें सेबी के नियमों का उल्लंघन हुआ है और पब्लिक मनी को जोखिम में डाला गया.
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सवाल 3: क्या हो सकता है आगे
ED की जांच अभी जारी है. राणा कपूर से मिली जानकारी के आधार पर और लोगों से पूछताछ हो सकती है और नए दस्तावेज खंगाले जा सकते हैं. अगर जांच में ठोस सबूत मिलते हैं, तो चार्जशीट दाखिल की जा सकती है.
यह मामला पुराना जरूर है, लेकिन अब इसमें तेजी आई है. आने वाले दिनों में यस बैंक और अनिल अंबानी समूह, दोनों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
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अनिल अंबानी समूह की संपत्तियां पहले ही हो चुकी हैं जब्त
इस केस से जुड़े मामलों में ED अब तक अनिल अंबानी समूह की करीब 10,117 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच कर चुकी है. हाल ही में मुंबई के बॉलार्ड एस्टेट में स्थित रिलायंस सेंटर, बैंक बैलेंस, फिक्स्ड डिपॉजिट और अनलिस्टेड निवेश समेत 18 संपत्तियों को अस्थायी तौर पर जब्त किया गया है.
इसके अलावा, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की 7 संपत्तियां, रिलायंस पावर की 2 संपत्तियां, रिलायंस वैल्यू सर्विसेज की 9 संपत्तियां
भी फ्रीज की जा चुकी हैं. ED ने समूह की अन्य कंपनियों के FD और निवेश पर भी कार्रवाई की है.
इससे पहले बैंक लोन फ्रॉड से जुड़े मामलों में ED रिलायंस कम्युनिकेशंस, रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस और रिलायंस होम फाइनेंस की करीब 9 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्तियां भी अटैच कर चुकी है.
कुल मिलाकर, यह मामला अब और गहराता जा रहा है और जांच एजेंसी की नजर हर उस कड़ी पर है, जिससे पब्लिक के पैसों का गलत इस्तेमाल हुआ हो सकता है.
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