Manoj Jayaswal Corporate Power Limited Bank Fraud Case: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नागपुर जोनल ऑफिस ने बैंक फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कॉरपोरेट पावर लिमिटेड के डायरेक्टर मनोज जायसवाल और उनके परिवार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। प्रवर्तन निदेशालय कॉरपोरेट पावर लिमिटेड और इसके प्रमोटर्स पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 67.79 करोड़ की संपत्तियां जब्त की है। ये कार्रवाई 11,000 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी (Bank Fraud) के मामले में की गई है। इसके लिए 800 शेल कंपनियां और 5000 बैंक खातों का इस्तेमाल किया गया।

प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक, यह रकम मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इधर-उधर की गई थी। इस पूरे खेल में कंपनी के डायरेक्टर्स मनोज जयसवाल और उनके परिवार की अहम भूमिका रही है।

ED के मुताबिक जिन लोगों की संपत्तियां जब्त की गई हैं, उनमें कंपनी के डायरेक्टर्स मनोज जायसवाल, अभिजीत जयसवाल, अभिषेक जयसवाल और उनके करीबी संतोष जैन के नाम जुड़े हैं। जब्त की गई संपत्तियां महाराष्ट्र, कोलकाता, दिल्ली और आंध्र प्रदेश में फैली हुई हैं। इनमें जमीन, बिल्डिंग, फ्लैट, कमर्शियल स्पेस और बैंक बैलेंस शामिल है। जांच एजेंसी का कहना है कि ये संपत्तियां अवैध कमाई (Proceeds of Crime) से खरीदी गई थीं।

800 से ज्यादा शेल कंपनियों से किया मनी लॉन्ड्रिंग

यून‍ियन बैंक ऑफ इंड‍िया की शिकायत के अनुसार कंपनी ने प्रोजेक्ट की लागत गलत बताकर कई बैंकों से कर्ज लिया। फिर उस लोन की रकम को 800 से ज्यादा शेल कंपनियों और 5000 बैंक खातों के जरिए घुमाया और गबन किया। नतीजा ये हुआ कि कंपनी का खाता 2013-14 में NPA (नॉन परफॉर्मिंग एसेट) बन गया और बैंक को करीब 11,379 करोड़ रुपये (ब्याज सहित) का नुकसान हुआ।

CBI की FIR के आधार पर शुरू हुई जांच

ED ने ये जांच CBI की एक FIR के आधार पर शुरू की थी, जो कॉरपोरेट पावर लिमिटेड और उसके डायरेक्टर्स के खिलाफ दर्ज की गई थी। आरोप है कि कंपनी ने अभिजीत ग्रुप के नाम पर झारखंड में 1080 मेगावाट का कोयला आधारित पावर प्रोजेक्ट लगाने के लिए बैंक से लोन लिया था। हालांकि इसके उलट उसने गलत दस्तावेज़ और फर्जी आंकड़े दिखाकर यह कर्ज हासिल किया और फिर पैसों को इधर-उधर कर दिया।

पहले भी हो चुकी है छापेमारी 

इससे पहले ED ने नागपुर, कोलकाता और विशाखापट्टनम में कई जगहों पर छापेमारी की थी। उस दौरान एजेंसी ने महत्वपूर्ण दस्तावेज़, डिजिटल डिवाइस, कैश, शेयर, म्यूचुअल फंड्स और फिक्स्ड डिपॉजिट्स जब्त किए थे। अब तक इस केस में ED कुल 571 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच या फ्रीज कर चुकी है। ED का कहना है कि इस मामले में आगे की जांच अभी जारी है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि बाकी रकम किन चैनलों से ट्रांसफर या छिपाई गई थी।

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