नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) आज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के कई ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) फिलहाल ईडी की हिरासत में हैं. उन्हें 30 मई को गिरफ्तार किया गया था. ईडी ने अप्रैल में सत्येंद्र जैन के परिवार और कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपए की संपत्तियां कुर्क की थी. सत्येंद्र जैन 9 जून तक ईडी की हिरासत में रहेंगे.
4.81 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से किया गया है कुर्क
ED ने सत्येंद्र जैन और अन्य के खिलाफ IPC की धारा 109 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी. ED ने हाल ही में अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफोसॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, जेजे आइडियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड, स्वाति जैन, सुशीला जैन और इंदु जैन की 4.81 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है. तीनों महिलाएं दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री की रिश्तेदार हैं.
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इन कंपनियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू
ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि “स्वाति जैन, सुशीला जैन और इंदु जैन के स्वामित्व वाली विभिन्न फर्मों से संबंधित 4.81 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियां कुर्क की गईं. अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड, पर्यास इंफोसोल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आइडियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड वे फर्में थीं, जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई. जांच एजेंसी ने मंत्री के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा दर्ज FIR के आधार पर जांच शुरू की थी.
ED के मुताबिक, जांच में पाया गया था कि 2015-16 के दौरान सत्येंद्र जैन एक लोकसेवक थे, उनके द्वारा लाभकारी स्वामित्व वाली और नियंत्रित कंपनियों को हवाला के जरिए कोलकाता बेस्ड एंट्री ऑपरेटरों को नकद ट्रांसफर के बदले शेल कंपनियों से 4.81 करोड़ रुपए प्राप्त हुए थे. ईडी ने अपने बयान में बताया कि इस रकम का उपयोग जमीन की सीधी खरीद या दिल्ली और उसके आसपास कृषि भूमि की खरीद को लिए गए कर्ज की अदायगी के लिए किया गया था. जिसके बाद जांच के दौरान PMLA की धारा 5 के तहत आरोपियों और उनकी कंपनियों की जमीन के रूप में 4.81 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति कुर्क की गई.
दिल्ली हाईकोर्ट ने सत्येंद्र जैन की ED पूछताछ के दौरान वकील की उपस्थिति की अनुमति देने वाले आदेश पर लगाई रोक
वहीं दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन से पूछताछ के दौरान एक वकील की उपस्थिति की अनुमति देने वाले विशेष अदालत के निर्देश पर शनिवार को रोक लगा दी. जस्टिस योगेश खन्ना की एकल पीठ ने शुक्रवार को फैसला सुरक्षित रख लिया था. न्यायाधीश ने शनिवार को कहा कि सत्येंद्र जैन अपना बयान दर्ज करने के दौरान अपने वकीलों की मौजूदगी का दावा नहीं कर सकते, क्योंकि उनके खिलाफ न तो प्राथमिकी दर्ज है और न ही शिकायत. जज इशारा कर रहे थे कि इस वजह से सत्येंद्र जैन को एक आरोपी का हक नहीं मिल सका है.
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9 जून तक सत्येंद्र जैन हैं ईडी की हिरासत में
31 मई को सीबीआई की विशेष अदालत की न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को 9 जून तक के लिए एजेंसी की हिरासत में भेज दिया था, जिन्हें प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था. हालांकि, सीबीआई अदालत ने जैन के लिए एक वकील की उपस्थिति की अनुमति दी. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, “तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यह निर्देश दिया जाता है कि आरोपी से पूछताछ के दौरान आरोपी के एक वकील को एक सुरक्षित दूरी पर उपस्थित रहने की अनुमति दी जाए, जहां से वह आरोपी को देख तो सके, लेकिन उसे सुन न सके.
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केंद्रीय जांच एजेंसी ने इसे चुनौती देते हुए कहा कि यह शर्त उन्हें दी गई हिरासत को ‘नष्ट’ कर देगी. शुक्रवार को दलीलें सुनने के बाद न्यायमूर्ति योगेश खन्ना की एकल पीठ ने कहा कि वह एक उचित आदेश पारित करेंगे. सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ईडी के लिए पेश हुए और तर्क दिया कि शर्त सुप्रीम कोर्ट के और विभिन्न अन्य निर्णयों के विपरीत है. यह बताते हुए कि सत्येंद्र जैन पहले ही गिरफ्तार हैं, ईडी के वकील ने कहा कि वह अन्य अधिकारों के हकदार नहीं हैं, जो आरोपी व्यक्तियों को उपलब्ध हैं. हालांकि सत्येंद्र जैन के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी ने ईडी की दलीलों का विरोध करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष जानता है कि कानून उनके खिलाफ 100 प्रतिशत है.
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