ED Raid On Anil Ambani: रिलायंस समूह के अध्यक्ष अनिल अंबानी (Anil Ambani) के सितारे पिछले कुछ वक्‍त से गर्दिश में हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) के चक्रव्यूह में अनिल अंबानी फंसते जा रहे हैं। अनिल अंबानी की कंपनियों के खिलाफ ED की छापेमारी की कार्रवाई लगातार तीसरे दिन शनिवार (27 जुलाई) को भी जारी रही। एजेंसी ने कई स्थानों से बड़ी संख्या में दस्तावेज और कंप्यूटर उपकरण जब्त किये हैं। अनिल के खिलाफ ये कार्रवाई 3000 करोड़ के कर्ज और रिश्वतखोरी के आरोप पर की जा रही है।

संघीय जांच एजेंसी ने 24 जुलाई को कथित तौर पर 3,000 करोड़ रुपये के बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़े धन शोधन मामले के तहत छापेमारी शुरू की थी। इसके अलावा कुछ कंपनियों द्वारा करोड़ों रुपये की वित्तीय अनियमितताओं के कई अन्य आरोप भी हैं।

PMLA के तहत की जा रही तलाशी गुरुवार से मुंबई में 35 से अधिक परिसरों में से कुछ स्थानों पर जारी है। ये परिसर 50 कंपनियों और 25 लोगों के हैं, जिनमें अनिल अंबानी समूह की कंपनियों के कई अधिकारी भी शामिल हैं। अनिल अंबानी के खिलाफ जारी जांच मुख्य रूप से 2017-2019 के बीच अंबानी की समूह कंपनियों को यस बैंक द्वारा दिए गए लगभग 3,000 करोड़ रुपये के अवैध ऋण डायवर्जन के आरोपों से संबंधित है।

ईडी सूत्रों ने बताया कि 2017 से 2019 के बीच यस बैंक से लिये लगभग 3,000 करोड़ रुपये के ऋण के गलत इस्तेमाल के आरोपों में ये छापेमारी की जा रही है।

धड़ाम हुए दो रिलायंस इंफ्रा और पावर के शेयर

इस जांच का असर अनिल अंबानी की दो प्रमुख कंपनियों रिलायंस इन्फ्रा और रिलायंस पावर के शेयरों में भी पड़ रहा है। शुक्रवार को रिलायंस पावर के शेयर -4.99% ‘टूटकर  56.72 रुपये के स्तर पर बंद हुए। वहीं, रिलायंस इंफ्रा के शेयर -5.00% टूटकर 342 रुपये के स्तर पर बंद हुए थे।

ED की कार्रवाई का असर नहीं: रिलायंस

इधर समूह की दो कंपनी ‘रिलायंस पावर’ और ‘रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर’ ने शेयर बाजार को बृहस्पतिवार को दी अलग-अलग सूचना में कहा कि ईडी की कार्रवाई का उनके व्यवसाय संचालन, वित्तीय प्रदर्शन, शेयरधारकों, कर्मचारियों या किसी अन्य हितधारक पर कोई असर नहीं पड़ा है। कंपनियों ने कहा, ‘‘मीडिया में आई खबरों में जो जानकारी दी गई है वह 10 साल से भी पुरानी कंपनी ‘रिलायंस कम्युनिकेशन्स लिमिटेड’ (आरसीओएम) या ‘रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड’ (आरएचएफएल) के लेन-देन से संबंधित आरोपों से जुड़ी प्रतीत होती हैं।

रिश्‍वत के लेनेदेन का संकेत!

सूत्रों ने बताया कि जांच में यह सामने आया है कि ऋण दिए जाने से ठीक पहले, यस बैंक के प्रवर्तकों को उनके संस्थानों में धनराशि ‘‘प्राप्त” हुई थी जो ‘‘रिश्वत” के लेनदेन का संकेत देता है। एजेंसी ‘‘रिश्वत” और ऋण से जुड़े मामले की जांच कर रही है।सूत्रों ने बताया कि संघीय एजेंसी यस बैंक द्वारा रिलायंस अंबानी समूह की कंपनियों को दी गई ऋण स्वीकृतियों में पिछली तारीख के ऋण दस्तावेज, बैंक की ऋण नीति का स्पष्ट उल्लंघन कर बिना किसी उचित जांच या ऋण विश्लेषण के निवेश प्रस्तावित करना जैसे ‘‘घोर उल्लंघनों” के आरोपों की जांच कर रही है।

सूत्रों ने बताया कि कथित तौर पर इन ऋणों को संबंधित संस्थाओं द्वारा समूह की कई कंपनियों और मुखौटा कंपनियों में गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया। सूत्रों ने बताया कि एजेंसी कमजोर वित्तीय स्थिति वाली संस्थाओं को दिए गए ऋणों, ऋणों के उचित दस्तावेजीकरण और उचित जांच-पड़ताल के अभाव, समान पते वाले ऋणदाताओं और उनकी कंपनियों में समान निदेशकों आदि के मामलों की भी जांच कर रही है।

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