National Herald Case: नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है. प्रवर्तन निदेशालय ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की अटैच की गई संपत्तियों पर कब्जा लेने दिल्ली, मुंबई और लखनऊ के संपत्ति रजिस्ट्रार को नोटिस भेजे हैं. साथ ही मुंबई के हेराल्ड हाउस में जिंदल साउथ वेस्ट प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को भी नोटिस भेजा है. बिल्डिंग के 7वीं, 8वीं और 9वीं मंजिल पर किराए पर है, जिसका अब हर महीने का किराया उन्हें ED को देना होगा.

ED की जांच में सामने आया कि इस केस में करीब 988 करोड़ रुपये की काली कमाई हुई है, जिसकी वजह से 20 नवंबर 2023 को AJL की संपत्तियां और शेयर अटैच किए गए थे. कुल संपत्तियों की कीमत करीब ₹751 करोड़ है. यह कार्रवाई अब अधिकृत अदालत की ओर से 10 अप्रैल 2024 को मंजूर हो गई है.
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गौरतलब है कि इस मामले की शुरुआत डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी की एक शिकायत से हुई थी. बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और उनके साथियों ने सिर्फ 50 लाख रुपये देकर AJL की 2000 करोड़ की संपत्ति हड़प ली. जब पूरे मामले की जांच की गई तो यह भी सामने आया है कि फर्जी डोनेशन, झूठा किराया और बनावटी विज्ञापनों के जरिए 85 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम भी गड़बड़ी की गई. प्रवर्तन निदेशालय ने अब इन संपत्तियों पर कब्जा लेने के लिए नोटिस चिपका दिए हैं और इनका कब्जा लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
ED की जांच में सामने आई गड़बड़ी
जांच एजेंसी के अनुसार, YIL यानी यंग इंडियन नेटवर्क का कथित तौर पर फर्जी डोनेशन के जरिए 18 करोड़ रुपये, 38 करोड़ रुपये का एडवांस किराया और विज्ञापनों के जरिए 29 करोड़ रुपये का अवैध धन जुटाने के लिए इस्तेमाल किया गया. जांच अधिकारियों ने बताया कि नवीनतम कदम का उद्देश्य दूषित परिसंपत्तियों के निरंतर उपभोग, उपयोग और आगे उत्पादन को रोकना है.
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