शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा से लोकायुक्त ने बीते कई दिनों तक पूछताछ की। इस दौरान कई सफलताएं टीम के हाथ लगी। वहीं अब ED को भी कोर्ट से पूछताछ की इजाजत मिल गई है। जिसके बाद आशंका है कि ‘धनकुबेर’ 55 किलो सोना और 10 करोड़ कैश कांड का राज उगल सकता है।
ED ने कोर्ट से मांगी थी इजाजत
बता दें कि आज सौरभ शर्मा और उसके दोनों साथी शरद जायसवाल और चेतन गौर को कोर्ट में पेश किया गया था। जहां से उन्हें 17 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। 7 दिन तक लोकायुक्त को कोई ठोस जानकारी नहीं मिली थी। जिसके बाद ED ने कोर्ट में पूछताछ की इजाजत मांगी थी। जेल मैन्युअल के हिसाब से ED उनसे पूछताछ कर सकती है।
लोकायुक्त को क्या मिला इनपुट?
लोकायुक्त को जानकारी मिली है कि सौरभ शर्मा और शरद जायसवाल ने अपनी कंपनी के भरोसेमंद कर्मचारियों के नाम से भी प्रॉपर्टी खरीदी है। अविरल इंटरप्राइजेज, अविरल कंस्ट्रक्शन, फिशरीज के साथ कई कंपनियां बनाई गई हैं। जिसकी प्रॉपर्टी उनके कर्मचारियों के नाम पर है। जिसके बाद लोकायुक्त पुलिस इसके दस्तावेज तलाशने में जुट गई। आशंका है कि इन कर्मचारियों को पूछताछ के लिए जांच एजेंसी कभी भी कार्यालय बुला सकती है।
पंजीयकों को पत्र भेजकर बेनामी संपत्ति की जानकारी मांगी
बता दें कि हाल ही में लोकायुक्त ने भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर के पंजीयकों को पत्र भेजकर बेनामी संपत्ति की जानकारी मांगी थी। सौरभ के घर से 50 प्रॉपर्टी के दस्तावेज और कई पावर ऑफ अटॉर्नी भी मिली थी, जो अन्य लोगों के नाम पर हैं। इस मामले में हवाला के एंगल पर भी तेजी से जांच की जा रही है, जिसमें दुबई और अन्य देशों में हवाला की गतिविधियों की आशंका व्यक्त की गई है।
18 दिसंबर को लोकायुक्त की रेड, IT ने बरामद किया था सोना और कैश
गौरतलब है कि 18 दिसंबर को लोकायुक्त ने राजधानी भोपाल में सौरभ शर्मा के घर छापामार कार्रवाई की थी। वहीं ,19 दिसंबर को मेंडोरी गांव के कुछ लोगों ने पुलिस को खाली प्लॉट पर खड़ी एक लावारिस क्रिस्टा गाड़ी के होने की सूचना दी थी, जिसमें 6 से 7 बैग रखे हुए थे।
52 किलो सोना और 10 करोड़ कैश मिलने के बाद शुरू हुई जांच
कैश का अंदेशा होने की वजह से आयकर विभाग को सूचित किया गया था, जिसके बाद IT की टीम ने कांच तोड़कर अंदर से बैग बाहर निकला। जिसमें 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये कैश बरामद किया गया था। जिसके बाद से लोकायुक्त के बाद ED और IT भी सक्रिय हो गई।
27 दिसंबर को ED ने कई ठिकानों पर मारा छापा
27 दिसंबर को जांच एजेंसियों ने सौरभ शर्मा के रिश्तेदारों और सहयोगियों के भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर स्थित आवास में जांच एजेंसियों ने छापामार कार्रवाई की। इस दौरान अलग-अलग ठिकानों पर सर्चिंग के दौरान महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए।
6 करोड़ से ज्यादा की FD बरामद
सौरभ के सहयोगी चेतन सिंह गौर के नाम पर 6 करोड़ रुपये से अधिक की FD मिली थी। परिवार के सदस्यों और कंपनियों के नाम पर 4 करोड़ रुपये से अधिक का बैंक बैलेंस भी मिला। 23 करोड़ रुपये से अधिक की अचल संपत्ति से संबंधित दस्तावेज पाए गए और उन्हें जब्त कर लिया गया।
फिल्मी स्टाइल में हुई थी गिरफ्तारी
गौरतलब है कि सौरभ शर्मा सोमवार (28 जनवरी) को कोर्ट में सरेंडर करने पहुंचा था। लेकिन आवेदन के बाद अदालत ने जांच एजेंसी से डायरी मंगवाई थी, जिसके बाद उसे अगले दिन आने के लिए कहा। वकील के मुताबिक, सुबह 11 बजे जैसे ही सौरभ कोर्ट जा रहा था। लोकायुक्त ने उसे बाहर से ही गिरफ्तार कर लिया और लोकायुक्त ऑफिस ले गयी। जहां उससे 5 घंटे तक पूछताछ की गई। उसकी निशानदेही पर उसके साथी चेतन गौर को भी हिरासत में लिया गया।
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