Rahul Gandhi Vs ED: कांग्रेस (Congress) सांसद और लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का अंदेशा सच होता दिख रहा है। नेशनल हेराल्ड केस (National Herald Case) में ईडी (ED) राहुल गांधी को समन भेजने की तैयारी कर रही है। हेराल्ड अखबार के मामलों में मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering Case) जांच में पूछताछ के लिए लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को तलब कर सकती है। इस घटनाक्रम से परिचित सीनियर अफसरों ने इस बात की पुष्टि की है। मामले में एजेंसी पहले ही 751 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर चुकी है। रायबरेली सांसद से इससे पहले जून 2022 में ईडी ने चार बैठकों में करीब 40 घंटे तक पूछताछ की थी। हालांकि मामले में आरोपी सोनिया गांधी को लेकर स्थित अभी साफ नहीं है।
बता दें कि रायबरेली सांसद ने 2 अगस्त को खुद ट्वीट कर ईडी के रेड मारने का अंदेशा जताया था। लोकसभा नेता प्रतिपक्ष ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि- 2 इन 1 को मेरा चक्रव्यूह (Chakravyuh) भाषण पसंद नहीं आया। ईडी के ‘अंदरूनी लोगों’ ने मुझे बताया कि छापेमारी की योजना बनाई जा रही है। बांह फैलाकर ईडी का इंतजार कर रहा हूं, चाय और बिस्कुट मेरी तरफ से।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ सीनियर अफसरों ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि कांग्रेस नेता से फिर से पूछताछ की जरूरत पड़ सकती है, क्योंकि एजेंसी अनियमितताओं की अपनी जांच पूरी करना चाहती है। मामले में एजेंसी पहले ही 751 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर चुकी है। कांग्रेस सांसद ने इससे पहले जून 2022 में ईडी ने चार बैठकों में करीब 40 घंटे तक पूछताछ की गई थी. उनसे यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (YY) के दैनिक कामकाज में उनकी भूमिका के बारे में पूछताछ की गई थी। इस कंपनी में वह अपनी मां सोनिया गांधी के साथ हिस्सेदार हैं।
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कही ये बातें
इधर मामले में कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मैंने हमेशा एजेएल मामले में ईडी की भूमिका को विचित्र, और अकल्पनीय माना है। जहां कभी कोई संपत्ति हस्तांतरित नहीं की गई, जहां अपराध की आय तो दूर, धन का कोई आवागमन नहीं हो सकता और न ही हो सकता है, जहां अंतिम शेयरधारक एक गैर-लाभकारी कंपनी है, यह न तो धन के आवागमन का, न ही संपत्ति के आवागमन का एक अजीब मामला है और इसलिए पीएमएलए कानून अपने आप में अनुपयुक्त है। अगर ईडी राहुल गांधी को परेशान करने या कॉफी पर बुलाना चाहता है, तो यह उनकी इच्छा है।
जानिए क्या है पूरा मामला
6 जनवरी को एचटी की ओर से प्रकाशित की गई एक रिपोर्ट के अनुसार, ईडी ने नेशनल हेराल्ड मामले में कुल 988 करोड़ रुपये की आपराधिक आय की पहचान की है। इसमें 755 करोड़ रुपये की रियल एस्टेट और अन्य संपत्तियां, 90 करोड़ रुपये के शेयर और 2010-11 से अर्जित 142 करोड़ रुपये का किराया शामिल है। ईडी का दावा है कि वित्तीय वर्ष 2010-11 में वाईआई की ओर से कंपनी का अधिग्रहण करने के बाद से एजेएल ने दिल्ली, मुंबई, इंदौर, पंचकूला, लखनऊ और पटना में अपनी प्रमुख संपत्तियों से यह किराया कमाया है।
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