रायपुर- प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शराब कारोबारी सुभाष शर्मा और उनसे समूह कंपनियों की 31 करोड़ 83 लाख रूपए की संपत्ति अटैच की है. ईडी ने यह कार्रवाई प्रिवेंशन आफ मनी लाॅड्रिंग एक्ट 2002 के प्रावधानों के तहत की है. सुभाष शर्मा पर बैंकों से लोन के नाम पर करोड़ों रूपए की धोखाधड़ी का आरोप है. उनकी कंपनी मेसर्स होटल सफायर इन, मेसर्स गुडलक पेट्रोलियम कंपनी प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स विदित ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए बैंकों से 38 करोड़ 50 लाख रूपए का लोन हासिल करने के मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज किया गया था.
ईडी की जांच में सामने आए तथ्य बताते हैं कि कारोबारी सुभाष शर्मा द्वारा सुनियोजित तरीक़े से लोन की रक़म नगद में निकालकर उसे सहयोगी कम्पनी के खाते में जमा कराया गया. इनमें से अधिकांश कंपनी कोई कारोबार नहीं करती थी. यह सब फ़र्ज़ी कंपनी थी, जिसके माध्यम से करोड़ों की धोखाधड़ी की गई. ईडी की ओर से जारी प्रेस रिलीज़ में बताया गया है कि मेसर्स होटल सफायर इन, मेसर्स गुडलक पेट्रोलियम कंपनी प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स विदित ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड के लोन खाते से 29 करोड़ 65 लाख रूपए फेरो एलायस यूनिट मेसर्स छत्तीसगढ़ स्टील एंड पाॅवर लिमिटेड की परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए लगाया गया.
यह शेल कंपनियों के नाम पर संबंधित शेयरों को प्राप्त करने के माध्यम से किया गया. ईडी ने इससे जुड़ी संपत्तियों को अटैच किया है. इसी तरह रायपुर के करीब ग्राम पूर्णा में सौम्या प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर 2 करोड़ 18 लाख रूपए की संपत्ति भी जप्त की गई है. ईडी ने बताया है कि इस प्रकरण की जांच चल रही है.