सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। कमीशनखोर प्राचार्य और प्रधानपाठक पर कार्रवाई नहीं होने पर शिकायतकर्ता ने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है. जांच कमेटी ने लगभग दो माह पहले कार्रवाई की अनुशंसा कर चुका है. जिला शिक्षा अधिकारी ने लोक शिक्षण संचालनालय को कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा गया था. इसे भी पढ़ें : बच्चों की मौत को लेकर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी का बड़ा बयान, कहा- टीका लगाने से नहीं बल्कि अन्य वजह से हुई मासूमों की मौत, स्वाइन फ्लू के बढ़ते मरीजों को लेकर कही यह बात

बात हो रही है शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोथारी के प्राचार्य कमल नारायण भारद्वाज और पूर्व माध्यमिक शासकीय कोथारी प्रधानपाठक तुलाराम भारद्वाज की. केंद्रीय योजना रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण में रिश्वत मांगने का आरोप लगा था. प्रशिक्षक करण बरेठ ने रिश्वत मांगने के आडियो-वीडियो के साथ की गई शिकायत पर करतला विकास खंड शिक्षा अधिकारी ने जांच की थी. जांच में दोषी पाए जाने के बाद भी विभाग अब तक कार्रवाई नहीं कर पाया है.

शिकायतकर्ता प्रशिक्षक करण बरेठ ने सवाल उठाते हुए कहा रिश्वत माँगने के मामले में जाँच हो गई है जाँच के बाद प्राचार्य और प्रधानपाठक दोनों दोषी पाए गए हैं. लगभग दो माह हो गए हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है. दूसरी तरफ मेरे को सीना ठोकर प्राचार्य और प्रधान पाठक के द्वारा धमकाया जा रहा है, धौंस दिखाया जा रहा है कि तुम कहीं भी शिकायत कर लो हमारे ऊपर कार्रवाई नहीं होगी. तो मैं यही जानना चाहता हूं ज़िम्मेदार अधिकारियों से कि अभी तक क्यों कार्रवाई नहीं हुई है? क्या ऐसे कमीशनखोरी पर शिक्षा विभाग मेहरबान है.