रायपुर। गाँधी और गोडसे को लेकर चल रहे राजनीतिक विवाद के बीच अब धार्मिक विवाद की शुरुआत हो गई है. अबकी बार विवाद शिक्षा विभाग की ओर से जारी किए गए एक आदेश को लेकर है. शिक्षा विभाग की ओर जारी किए गए आदेश में कहा गया कि किसी भी बालक/कन्या स्कूल छात्रावास और आश्रमों में देवी-दताओं की स्थापना कर पूजा-पाठ न की जाए. अगर ऐसा किया गया तो इस मामले में दंडनात्मक कार्यवाही की जाएगी.

शिक्षा विभाग की ओर यह आदेश राजनांदगाँव के मानपुर ब्लॉक में सामने आया है. यहाँ विकासखंड शिक्षा कार्यायल की ओर से मंडल संयोजक के नाम से यह आदेश जारी हुआ है. आदेश के पीछे यह कहा गया है कि सर्व आदिवासी समाज की ओर से शिकायत की गई थी, कि छात्रावासों और आश्रमों में 12 दिनों तक देवी-दताओं की स्थापना कर पूजा-पाठ आयोजन रहा है. ऐसा करना संविधान की अनुच्छेद 28 का उल्लंघन है. अतः आदेश दिया जाता है कि कहीं भी किसी भी छात्रावास और आश्रम में देवी-देवताओं की पूजा न की जाए. ऐसा कहीं होना पाया गया तो उनके ख़िलाफ़ दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी.

वहीं इस मामले में संबंधित विकासखंड शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी और राजनांदगाँव कलेक्टर को फोन कर प्रतिक्रिया चाही, लेकिन साहब लोगों ने फोन उठाना जरूरी नहीं समझा. हो सकता है इस मामले में जवाब देने बचना चा रहे हो. हो सकता है कहीं व्यस्त भी हो. कुछ भी हो सकता है. लेकिन जब हमने किया तो नो रिस्पांस था.

इधर इस मामले ने अब राजनीतिक रंग भी ले लिया है. भाजपा ने इस मामले में सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने प्रेस में बयान जारी करते हुए कहा कि, भूपेश सरकार कल अपने को राम भक्त बता रही थी, आज भक्ति करने पर प्रतिबंध लगा दिया है. उन्होंने कहा कि यह आदेश प्रदेश सरकार के वैचारिक भटकाव और दुविधाओं का प्रतीक है.