कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल अंचल में जीवाजी यूनिवर्सिटी और शिक्षा माफिया के गठजोड़ के चलते फर्जी कॉलेज संचालित हो रहे हैं। अधिकांश कॉलेज कागज़ों पर चल रहे है, कई कॉलेज ऐसे भी हैं जिनके पास बिल्डिंग तक नहीं है। फर्जीवाड़ा का खुलासा होने के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने अंचल के 42 कॉलेजो की मान्यता रद्द कर दी है।
अरुण शर्मा ने किया था फर्जीवाड़े का खुलासा
दरअसल ग्वालियर चंबल अंचल में फर्जी कॉलेज धड़ल्ले से चल रहे हैं। यह कॉलेज शिक्षा माफिया और जीवाजी यूनिवर्सिटी के अधिकारियों की मिली भगत से चल रहे हैं। जीवाजी यूनिवर्सिटी द्वारा बिना भौतिक सत्यापन के सांठ गांठ कर शिक्षा माफियाओं को कॉलेज की मान्यता दे दी जाती हैं। इस खेल में जीवाजी यूनिवर्सिटी के अफसर भी करोड़ों रुपए कमा चुके हैं। पूर्व मानसेवी शिक्षक अरुण शर्मा ने इस फर्जीवाड़े की परत उजागर की तो घोटाले के कई बड़े खुलासे हुए हैं।
कागजों पर चल रहे संस्थान
आप भी यह जानकर हैरान रह जाएंगे की ग्वालियर चंबल अंचल में कॉलेज का फर्जीवाड़ा किस हद तक है। जीवाजी यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त कुछ नामी कॉलेजों को छोड़कर अधिकांश कॉलेज कागज़ों पर चल रहे हैं। कहीं एक कमरे में कॉलेज हैं, तो कहीं पढ़ाने वाली फैकल्टी नही हैं। सबसे हैरान करने वाली बात तो यह है कि कुछ कॉलेज तो ऐसे हैं जो अस्तित्व में ही नहीं है। लेकिन इन कॉलेज की मान्यता के नाम पर छात्रों का एडमिशन हुआ बल्कि 900 से ज्यादा डिग्रियां भी बांटी गई। ऐसे ही कॉलेज रतवाई गांव से विंग्स कॉलेज,टेक्नोक्रेट इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज़ सहित अन्य है।
ग्वालियर चंबल अंचल में उच्च शिक्षा विभाग ने जांच के बाद इस सत्र में 42 कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी है। इन कॉलेज में दर्ज छात्रों को दूसरे कॉलेजों में शिफ्ट किया गया है। आने वाले समय में जांच के दौरान फर्जी पाए जाने वाले अन्य कॉलेज की भी मान्यता रद्द की जाएगी।
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