रायपुर। स्कूल शिक्षा, ग्रामोद्योग, विधि एवं विधायी कार्य मंत्री गजेंद्र यादव की अध्यक्षता में नवा रायपुर स्थित मंत्रालय महानदी भवन में शुक्रवार को शिक्षा विभाग की बैठक आयोजित हुई। बैठक में विभागीय कार्यों की समीक्षा करते हुए मंत्री यादव ने स्पष्ट निर्देश दिए कि शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने तथा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार की जाए। बैठक में उन्होंने कहा कि पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा पुस्तको की छपाई से लेकर परिवहन तक एक ही टेंडर के माध्यम से करने के निर्देश दिए ताकि समय कर राशि की बचत हो। बैठक में सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, संचालक लोक शिक्षण ऋतुराज रघुवंशी, एमडी समग्र शिक्षा संजीव कुमार झा सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।


बैठक में सर्वप्रथम शिक्षकों की कमी को दूर करने के मुद्दे पर चर्चा हुई। मंत्री यादव ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि आगामी शैक्षणिक सत्र से पहले 5000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षकों एवं जिला स्तरीय अधिकारियों की उपस्थिति को ऑनलाइन एवं परिसर स्तर पर अनिवार्य रूप से दर्ज किया जाए, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।
बैठक में मंत्री ने कहा कि राजपत्रितअधिकारियों की भर्ती लोक सेवा आयोग (पीएससी) के माध्यम से की जाएगी। पाठ्यपुस्तक वितरण की प्रगति की समीक्षा करते हुए मंत्री यादव ने कहा कि यह स्पष्ट किया जाए कि अभी कितने स्थानों पर पुस्तक वितरण शेष है और कितनी अतिरिक्त मांग बची हुई है। उन्होंने कहा कि विभागीय कार्यों में स्पष्टता होनी चाहिए और हर कार्य उसकी जिम्मेदार संस्था के माध्यम से ही किया जाए। समस्त प्रशिक्षण कार्यक्रम अब एससीईआरटी के माध्यम से अनिवार्य रूप से संचालित होंगे।
बैठक में भवनविहीन स्कूलों की स्थिति की जानकारी, उन्हें फुल फर्निश्ड स्कूलों के रूप में विकसित करने के लिए आवश्यक व्यय तथा तदर्थ स्कूलों की राशि पर भी विस्तृत चर्चा हुई। मंत्री श्री यादव ने कहा कि बजट का पूरा उपयोग सुनिश्चित किया जाए और राशि लैप्स न हो, इसके लिए अभी से कार्ययोजना तैयार की जाए।
बड़े शहरों में जहां शासकीय भवन उपलब्ध हैं, वहाँ नीट और जेईई जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थाओं के सहयोग से कक्षाएं शुरू करने पर भी विचार किया गया। शाला त्यागी बच्चों को पुनः विद्यालयों से जोड़ने के लिए विशेष अभियान चलाने पर जोर दिया गया।
मंत्री यादव ने कहा कि शाला प्रवेश उत्सव के समय ही छात्र-छात्राओं को वितरण की जाने वाली सामग्रियों की अग्रिम कार्ययोजना बनाकर समय पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। स्कूलों की परीक्षा समाप्त होने के पश्चात शिक्षकों का जिला एवं ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षण प्रारंभ कराया जाएगा। प्रशिक्षण उपरांत परीक्षा लेकर शिक्षकों की दक्षता का मूल्यांकन होगा। इसके लिए एक स्पष्ट शैक्षणिक कैलेंडर तैयार किया जाएगा और डीआईईटी/बीआईईटी को सशक्त बनाया जाएगा। मंत्री गजेंद्र यादव ने बैठक के अंत में कहा कि शिक्षा विभाग की सभी योजनाएँ और कार्यक्रम समयबद्ध एवं पारदर्शी तरीके से लागू किए जाएं। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसके लिए सभी अधिकारी जिम्मेदारी से कार्य करें।
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