![](https://lalluram.com/wp-content/uploads/2024/11/lalluram-add-Carve-ok.jpg)
लक्षिका साहू, रायपुर। नगर निगम रायपुर के मेयर के साथ पक्ष-विपक्ष के 65 पार्षद सरकारी खर्चे पर बैंगलोर और मैसूर शहर के एजुकेशनल टूर पर हैं. इस भ्रमण के बीच पार्षदों के मौज मस्ती का वीडियो काफी वायरल हो रहा है, जिसमें कांग्रेस और बीजेपी के पार्षद फिश स्पा, पहाड़ों पर डांस करते नजर आ रहे हैं. टूर पर जाने से पहले महापौर ऐजाज ढेबर ने कहा था म्युनिसिपल व्यवस्था, ड्रेनेज समिति अलग-अलग व्यवस्था महानगरों की देखकर रायपुर में लागू करेंगे.
![](https://lalluram.com/wp-content/uploads/2024/06/WhatsApp-Image-2024-06-01-at-13.07.14_120a0527-1024x576.jpg)
बता दें कि राजधानी रायपुर में बीते कुछ सालों से अध्ययन भ्रमण काफी चलन में हैं. हर साल निगम का कोष खाली कर न सिर्फ अधिकारी बल्कि पार्षद भी अध्ययन के लिए दूसरे राज्यों के दौरे पर जाते हैं. शहर की व्यवस्था को दुरुस्त करने और स्वच्छता रैंकिंग में अव्वल आने का हवाला देकर थोक में नगर निगम के अधिकारी और पार्षद ये दौरे करते हैं. लेकिन इन दौरों का फायदा राजधानी को सिर्फ जनता के पैसों की बरबादी और रायपुर के रैंकिंग में गिरावट के रूप में ही मिलता है.
भ्रमण यात्रा का प्रचलन ऐसे हुआ शुरू
साल 2021 में रायपुर की स्वच्छता रैंकिंग 6वीं थी. जिसके बाद और बेहतरी के लिए 2022 में जनप्रतिनिधियों का कुनबा भ्रमण पर निकला. लेकिन साल 2022 में रैंकिंग 11 पर आ गिरी. रैंकिंग में सुधर के लिए जनप्रतिनिधी चंडीगढ़ के भ्रमण के लिए गए हुए थे जिसका रैंकिंग खुद 66वे रैंक के शहर में था. चंडीगढ़ का रैंक साल 2023 में राजधानी रायपुर से भी ऊपर रहा तो अब सवाल ये उठता है कि आखिर किस बेहतरी के लिए ये भ्रमण करते हैं?
![](https://lalluram.com/wp-content/uploads/2024/02/Nagar-Nigam-1-1024x576.jpg)
नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने खुद को किया इस भ्रमण से अलग
पिछले पांच सालों में रायपुर निगम के जन प्रतिनिधियों का ये दूसरा दौरा है. जिससे नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने दूरी बनाई है. चौबे का कहना है कि पिछले दौरे से सीखी और समझी गई चीजों पर अमल नहीं किया गया. नेता प्रतिपक्ष के इस बयान से ये साफ है की भ्रमण महज निगम के पैसों पर पिकनिक जाने का बहाना है.
पूर्व महापौर सुनिल सोनी ने भी उठाया सवाल
इस अध्ययन भ्रमण पर पूर्व सांसद और पूर्व महापौर सुनिल सोनी की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. उन्होंने बड़ी तादाद में जनप्रतिनिधी के शहर से गायब होने पर सवाल उठाया है. सुनिल सोनी ने कहा कि बारिश का समय है हर गली-मोहल्ले में सफाई और जल भराव की समस्या सामने आती है. ऐसे में हफ्ते से लेकर 10 दिन तक जन प्रतिनिधियों का ही गायब हो जाना लोगों के लिए काफी समस्या उत्पन्न करता है. इस समय लोगों को सबसे ज्यादा अपने जन प्रतिनिधियों की आवश्यकता होती है.
एक तरफ जहां निगम के अधिकारी जनप्रतिनिधि शहर से 8-10 दिनों के लिए गायब हैं. वहीं दूसरी ओर शहर में पानी की किल्लत को लेकर पार्षदों ने शिकायत भी की है. ये वही गंभीर परिस्थिति है जब जनता के मन से प्रतिनिधियों पर विश्वास उठ जाता है और फिर अपने चुनी हुई सरकार पर सवाल उठाने पर मजबूर हो जाती है.
महापौर एजाज ढेबर ने भी दी प्रतिक्रिया
लाल्लूराम डॉट कॉम ने पार्षदों के डांस के वायरल वीडियो मामले पर जब मेयर एजाज ढेबर से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि पार्षदों की भी भावना होती है. सेशन के बाद यदि पार्षद घूमते हैं या नाचते-गाते हैं तो ये उनका निजी मामला है.
बता दें कि ऐसे सिर्फ जनप्रतिनिधियों का कुनबा नहीं बल्कि अधिकारी भी ऐसे भ्रमण पर निकलते हैं. हाल ही में राजस्व विभाग के 90 अधिकारी और कर्मचारी लगभग 300 करोड़ की राजस्व वसूली करने के बाद फिर वसूली के अध्ययन पर कश्मीर गए थे.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक