नारायणपुर. CM भूपेश बघेल 4 मई से बस्तर और सरगुजा संभाग के दौरे पर रहेंगे. इस दौरान वो प्रस्तावित विधानसभा क्षेत्र के किसी भी तीन गांव का अकास्मिक निरीक्षण करेंगे और वहां मौजूद लोगों की समस्या सुनेगे और उसका निपटारा भी करेंगे. सीएम के दौरे के पहले सभी कमिश्नर, कलेक्टर, आईजी और एसपी को अपने क्षेत्र की समस्याओं के निराकरण करने की बात कही गई थी. इसी कड़ी में अब जिले के विकास को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन शासन की कल्याणकारी और विकासमूलक कार्यों को दूरस्थ और अत्यंत पिछड़े इलाकों में पहुंचाने का प्रयास कर रहा है. कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी के मार्गदर्शन में शासन की मंशा के अनुरूप गांव और गांव वालों के विकास के लिए लाभार्थी तक पहुंचाया योजनाओं जा रहा है.
वहीं इन योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को मिल रहा है या नहीं उसकी जमीनी हकीकत जानने के लिए समय-समय पर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक द्वारा इन ग्रामीण इलाकों का निरीक्षण भी किया जा रहा है. इसी क्रम में कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी और पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार ओरछा विकासखंड के ब्रेहबेड़ा गांव पहुंचकर ग्रामीणों से बातचीत की और योजनाओं के क्रियान्वयन का जायजा लिया. इस दौरान आईपीएस अक्षय कुमार, जिला शिक्षा अधिकारी जीआर मंडावी, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास संजय चंदेल, बीएमओ नारायणपुर डॉ केशव साहू, रक्षित निरीक्षक दीपक साव, सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे.
ग्रामीणों से चर्चा के दौरान कलेक्टर ने ग्रामीणों की मांग और समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए कहा कि, ग्रामीणों के लिए पेयजल, शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं को प्राथमिकता के साथ उपलब्ध कराया जायेगा. उन्होंने ग्रामीणों से उनकी खेती-बाड़ी, बच्चों की शिक्षा, बिजली और स्वास्थ्य के संबंध में बातचीत की. ग्रामीणों ने कहा कि गांव में 3 सोलर पंप की आवश्यकता है. इसके अलावा उन्होंने उपचार केन्द्र के लिए एक भवन की भी मांग की. इस संबंध में कलेक्टर ने सोलर पंप संबंधी सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आदिवासी आयुक्त को निर्देशित किया. वहीं मिनी आंगनबाड़ी केन्द्र को एक शिक्षकीय कक्ष और उपचार केंद्र के रूप में कक्ष निर्माण करने के भी निर्देश दिए.
कलेक्टर ने ग्राम पंचायत के सचिव को निर्देशित करते हुए कहा कि ब्रेहबेड़ा गांव में ग्रामीणों की मांग के अनुरूप बड़ा तालाब निर्माण सहित भूमि समतलीकरण एवं बाड़ी निर्माण के प्रकरण तैयार करने के निर्देश दिए. इस दौरान उन्होंने मिनी आंगनबाड़ी केन्द्र का भी निरीक्षण किया.
शिक्षकों को मुख्यालय में रहने के निर्देश दिए हैं.
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ग्रामीणों ने बातचीत के दौरान बताया कि गांव के प्राथमिक विद्यालय में पदस्थ शिक्षक राजेन्द्र कुमार ध्रुव और उपेन्द्र कुमार पदस्थापना मुख्यालय में निवास नहीं करते. इस कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है. कलेक्टर ने शिक्षकों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि वे मुख्यालय में रहना सुनिश्चित करें. मुख्यालय में नहीं रहने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. बातचीत के दौरान ग्रामीणों ने ब्रेहबे़ड़ा की सचिव की शिकायत की और समय पर योजनाओं का लाभ नहीं मिलने की बात कही. इस पर कलेक्टर ने ओरछा जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को तत्संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए.
कलेक्टर रघुवंशी ने कहा कि ओरछा का यह पिछड़ा गांव जिसमें मसाहती सर्वे से छूटे हुए लोगों को आय और जाति प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं हो सका है. इसलिए शासन की कई येाजनाओं का उन्हें समूचित लाभ नहीं मिल पाता है. ग्रामीणों के बच्चों के आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र बनाने के उद्देश्य से 24 अप्रैल को आयोजित होने वाले ग्राम सभा में आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र की प्रक्रिया पूरी कराने और अनुमोदित कराने के लिए सचिव को निर्देशित किया. इसके अलावा उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि वे अपने बच्चों को विद्यालय में भेजें और उन्हें शिक्षित बनाएं. ग्रामीणों ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले दिनों से नीरव नदी के पास बिजली का तार टूटने के कारण बिजली उपलब्ध नहीं हो पा रही है. इस संबंध में कलेक्टर ने विद्युत विभाग के अधिकारियों को विद्युत व्यवस्था दुरूस्त करने के निर्देश दिए.
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