Bihar News: कभी जंगलराज की संज्ञा के साथ देशभर में पहचान बनाने वाले बिहार की खोई विरासत और पहचान लौटने लगी है। डबल डिजिट ग्रोथ रेट के साथ प्रदेश की गिनती उन विकसित राज्यों में होने लगी है, जहां इंफ्रा डेवलपमेंट, रोजगार और बेहतरीन कनेक्टिवीटी मौजूद है। लेकिन, आज सबसे अधिक चर्चा बिहार की कानून-व्यवस्था को लेकर है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ने विकास के साथ अपराध नियंत्रण में बड़ा माइलस्टोन स्थापित किया है। तभी तो राजधानी पटना की जिन सड़कों पर अंधेरा होते ही सन्नाटा पसर जाता था, आज रात के 12 बजे भी महिलाएं बिना किसी डर के निकल रही हैं। जंगलराज अब इतिहास बन गया है।

बदलाव के दो दशक

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी प्रगति यात्रा के दौरान कई बार राज्य में विकास और कानून-व्यवस्था को लेकर चर्चा करते रहे हैं। संत रविदास की जयंती के मौके पर भी उन्होंने 2005 से पहले के बिहार और बाद में आए बदलाव पर बात करते हुए प्रदेश की जनता को सुरक्षा का पूर्ण भरोसा दिलाया। महिलाओं को सशक्त बनाने और उनके लिए प्रदेश में सुरक्षा की गारंटी की बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले की स्थितियां अलग थीं। आज पूरा परिदृश्य बदल गया है। राज्य में सुरक्षा का माहौल है। महिलाएं भी देर रात घर से बाहर निकलने में नहीं कतराती हैं।

लॉ एंड ऑर्डर में सुधार का दिखा असर

उल्लेखनीय है कि राज्य में कानून-व्यवस्था मजबूत होने से न सिर्फ लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई है, बल्कि रोजगार और निवेश के अवसर बढ़े हैं। राज्य की नौकरियों में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ रही है। प्रदेश पुलिस बल में 39 फीसद से अधिक महिलाओं की हिस्सेदारी इसका बड़ा उदाहरण है। इतना ही नहीं, पढ़ाई से लेकर उद्यम तक में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ रही है। किसी भी प्रदेश के विकास में वहां की कानून-व्यवस्था की बड़ी भूमिका होती है। बिहार में इसके बेहतर होने का नतीजा ही है कि बीते करीब 20 वर्षों से राज्य लगातार डबल डिजिट में ग्रोथ कर रहा है।

महिलाओं की विकास में बढ़ी हिस्सेदारी

प्रदेश में कानून का राज होने से महिलाएं भी भयमुक्त हुई हैं। 2005 से पहले जहां महिलाएं शाम के पांच बजते ही अपने घरों में कैद हो जाती थीं, अब नौकरी या फिर अन्य जरूरी काम के लिए देर रात तक बाहर रहने में सुरक्षित महसूस कर रही हैं। इससे राज्य में उद्यम से जुड़ने वाली महिलाओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। इससे महिला सशक्तिकरण की राह भी तय हो रही है।

जानिए महिलाओं ने क्या कहा ?

शिप्रा रंजन ने कहा कि नीतीश सरकार में महिलाएं खुले आसमान के नीचे आजाद होकर घूम पा रही हैं। 2005 से पहले रात तो छोड़िए दिन के उजाले में भी घर से बाहर निकलने में किसी अनहोनी का डर लगा रहता था।

मनीषा रानी ने कहा कि मैं रात को 9 बजे बिना किसी भय के दो पहिया चलाकर बाजार से खरीदारी करने जाती हूं। 2005 से पहले शाम के पांच बजे तक अपने घर में कैद हो जाती थी। ये नीतीश सरकार की देन है कि महिलाएं अब फ्री होकर घर से बाहर निकल रही हैं।

अनीता कुमारी ने कहा कि नीतीश सरकार के आने के बाद से बिहार की तस्वीर बदल गई है। खास कर महिलाओं की स्थिति में काफी सुधार आया है। रोजगार में भी बिहार की महिलाएं अब आगे बढ़ रही हैं।

श्यामा ने कहा कि मेरा घर आरा है। पढ़ाई के कारण मैं पटना में रह रही हूं। मैं बिना किसी डर के त्योहार के समय अक्सर निजी कंपनी की कैब से पटना से आरा जाती हूं। नीतीश सरकार में बिहार की महिलाएं सिर्फ राजधानी में ही नहीं बल्कि दूसरे जिलों में भी बिना भय के रह रही हैं।