कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। जीवाजी यूनिवर्सिटी ने महिला हॉकी टीम के खाते में पैसा पहुंचा दिया है। खेलो इंडिया में भाग लेने के लिए टीम ने ग्वालियर से बेंगलुरु तक बिना रिजर्वेशन के नॉन एसी (AC) ट्रेन के स्लीपर में यात्रा की थी।
बता दें कि यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने बिना एडवांस टीम को बेंगलुरु भेज दिया था। इसकी सीएम (CM) और राज्यपाल के पास शिकायत पहुंची थी। वहीं इस मामले को लल्लूराम डॉट काम ने प्रमुखता के साथ प्रकाशन कर शासन-प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया था। खबर प्रकाशन के बाद यूनिवर्सिटी प्रबंधन हरकत में आया। प्रबंधन ने टीम के खाते में पैसा ट्रांसफर कर दिया है। गौरतलब है कि जीवाजी की महिला हॉकी टीम ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी विनर टीम है।
खेलो इंडिया प्रतियोगिता के लिए ग्वालियर की महिला हॉकी टीम बेंगलुरु रवाना हुई थी। ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी विनर महिला हॉकी टीम को जीवाजी यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने भीषण गर्मी और लू के थपेड़ों के बीच बिना रिजर्वेशन नॉन एसी ट्रेन के स्लीपर कोच में बेंगलुरु के लिए रवाना कर दिया था। महिला हॉकी टीम की खिलाड़ियों ने ट्रेन में 36 घंटे तक 1800 किलोमीटर तक सफर किया था।
प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए जीवाजी विश्वविद्यालय टीम का बेंगलुरु जाना 27 मार्च को ही तय हो गया था। प्रबंधन ने एडवांस की प्रक्रिया पूरी नहीं की थी जिससे टीम का जाने और लौटने का रिजर्वेशन नहीं हो पाया था। इस मामले की शिकायत जीवाजी विश्वविद्यालय महिला हॉकी टीम के मैनेजर केके तिवारी ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री को ईमेल के जरिए की थी। मामला सामने आने के बाद टीम को एडवांस पहुंचाया गया। जानकारी डॉ. सुशील मंडेलिया, कुलसचिव, जीवाजी यूनिवर्सिटी ने दी।
बता दें कि 24 अप्रैल रविवार से बेंगलुरु में शुरू हुई प्रतियोगिता 3 मई तक खेली जाएगी। इसमें विभिन्न खेलों में देशभर के 189 विश्वविद्यालय के लगभग 3900 पुरुष और महिला खिलाड़ी भाग ले रहे हैं।
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