Eid 2025: रमज़ान एक बेहद पवित्र और आध्यात्मिक महीना होता है. इस समय मुस्लिम समाज में सभी लोग रोज़े रख रहे होते हैं. जैसे-जैसे रमज़ान का महीना आगे बढ़ता है, ईद-उल-फितर की खुशी और इंतज़ार भी बढ़ता जाता है. ईद-उल-फितर का त्योहार इस्लामी कैलेंडर के अनुसार शव्वाल महीने के पहले दिन मनाया जाता है, जो रमज़ान के पवित्र महीने के समापन का प्रतीक है.
यदि 30 मार्च की रात को चांद दिखाई देता है, तो ईद-उल-फितर 31 मार्च, सोमवार को मनाई जाएगी. यदि चांद 31 मार्च की रात को दिखाई देता है, तो ईद 1 अप्रैल, मंगलवार को मनाई जाएगी.

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ईद से जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्य (Eid 2025)
ईद-उल-फितर और ईद-उल-अज़हा में अंतर: अक्सर लोग सोचते हैं कि “ईद” केवल एक त्योहार है, लेकिन वास्तव में ईद-उल-फितर (रमज़ान के बाद) और ईद-उल-अज़हा (बलिदान की ईद) दो अलग-अलग त्योहार हैं. ईद-उल-फितर को “मीठी ईद” कहा जाता है, जबकि ईद-उल-अज़हा को “बकरीद” के नाम से जाना जाता है.
ईदी देने की परंपरा कब और कैसे शुरू हुई: ईदी (ईद पर बच्चों और प्रियजनों को पैसे या उपहार देने की परंपरा) इस्लामी इतिहास में बहुत पुरानी मानी जाती है. कहा जाता है कि यह परंपरा मुगल शासकों के दौर में लोकप्रिय हुई, जब वे अपने परिवार और दरबारियों को इनाम देते थे. आज यह परंपरा दुनियाभर में देखी जाती है, खासकर बच्चे ईदी मिलने का बेसब्री से इंतजार करते हैं.
चांद देखने की परंपरा और इसके पीछे की वजह: ईद-उल-फितर की तारीख इस्लामी कैलेंडर के अनुसार चांद देखने पर निर्भर करती है, इसलिए दुनिया के अलग-अलग देशों में ईद अलग-अलग दिनों में हो सकती है. कई देशों में आधिकारिक रूप से चांद देखने की कमेटी बनाई जाती है, जबकि कुछ जगहों पर लोग टेलीस्कोप और आधुनिक टेक्नोलॉजी का भी उपयोग करते हैं.
ईद के दिन का पहला भोजन खास क्यों होता है: इस्लामी परंपरा के अनुसार, ईद-उल-फितर के दिन सुबह की नमाज से पहले कुछ मीठा (खजूर या कोई अन्य मीठा व्यंजन) खाना सुन्नत माना जाता है. यह इस बात का प्रतीक है कि रोज़े (उपवास) की अवधि समाप्त हो गई है और अब उत्सव का समय आ गया है.
ईद-उल-फितर को “स्वीट फेस्टिवल” क्यों कहा जाता है: ईद-उल-फितर पर खासतौर पर मीठे पकवान बनाए जाते हैं, इसलिए इसे “स्वीट फेस्टिवल” भी कहा जाता है. भारत और पाकिस्तान में शीर खुरमा और सेवइयां, तुर्की में बकलावा, इंडोनेशिया में लपेटे हुए चावल केक, और अरब देशों में खजूर और अन्य मीठी डिशेज़ खासतौर पर खाई जाती हैं.
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